Hajre Aswad 22 Saal Ke Liye Kaha Gayab Ho Gaya Tha
यह जनवरी 930 की बात है जब मक्का में एक ऐसी घटना घटी जिसने उस समय की पूरी मुस्लिम दुनिया को हिलाकर रख दिया। जब एक समूह ने मक्का में प्रवेश किया और काबा से Hajre Aswad को उखाड़ लिया, जिसे मुसलमान पवित्र मानते हैं। हालाँकि, यह समूह Hajre Aswad को अपने साथ ले गया और अगले 22 वर्षों तक वापस नहीं लौट सका। येवो वक्त था जब अब्बासी खिलाफात आंतरिक इख्तिलाफ़ से जूझ रही थी
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यह समूह मक्का क्यों आया और काला पत्थर कहाँ ले गया? इन सवालों के जवाब जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि Hajre Aswad क्या है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
Hajre Aswad क्या है?
Hajre Aswad (हजरे असवद) का शाब्दिक अर्थ है ‘काला पत्थर’। लाल और स्याह पीले रंग का यह अंडाकार पत्थर लगभग 30 सेमी व्यास का है और काबा के दक्षिण-पूर्वी कोने पर दीवार के साथ जमीन से लगभग पांच फीट की ऊंचाई पर स्थापित है। अली शब्बीर तारिख ए सब ‘हजर ए असवद’ में लिखते हैं कि इसे संग ए असवद, रुकन ए असवद (काला कोना), हजर और रुकन भी कहा जाता है, जो तवाफ़ की शुरुआत और अंत का प्रतीक है।
Hajre Aswad का इस्तलाम (काले पत्थर को चूमना या छूना) एक संकेत है। “हम प्रतीकात्मक रूप से अल्लाह के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा करते हैं और उसके प्रति अपनी आज्ञाकारिता की घोषणा करते हैं।”
इस पत्थर से जुड़ा इतिहास दरअसल इस्लाम धर्म से भी पुराना है और इस बात पर बहस होती रही है कि क्या यह उल्कापिंड है, ज्वालामुखीय चट्टान है या प्राकृतिक कांच का टुकड़ा है।
इस संदर्भ में मारिया गोलिया अपनी पुस्तक ‘मेटियोराइट: नेचर एंड कल्चर’ में लिखती हैं कि Hajr e Aswad का कभी भी आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से विश्लेषण नहीं किया गया है और इसकी उत्पत्ति अटकलों का विषय बनी हुई है।
अल-अरज़की ने तारिख़ ए मक्का में इब्न अब्बास से रिवायत किया है कि ‘जब हज़रत आदम को आसमान से नीचे लाया गया, तो अल्लाह तआला ने उनके साथ काला पत्थर और मक़ाम इब्राहीम को उतारा ताकि वह उस से मानूस रहें।’
शिफ़ा अल-ग़राम के अनुसार, इब्न इशाक का कहना है कि तुफाने नूह के दौरान, जबल (पर्वत) अबू क़ुबैस पर काला पत्थर संरक्षित किया गया था। जब हज़रत इब्राहीम ने काबा बनवाया तो जिब्राईल ने हजरे असवद को लाकर उसकी जगह पर स्थापित किया।
इस्लामी अध्ययन के क्षेत्र में ब्लैक स्टोन के संबंध में में अल्लाह सर्वशक्तिमान के कुछ आयात (स्पष्ट संकेत) का उल्लेख किया गया है। के Hajr e Aswad बड़े बड़े हादसों से दो चार हुआ है जैसे तूफाने नूह बगैरह, उसे कई बार अपनी जगह से उखाड़ा गया लेकिन वह अपनी जगह पर लौट आया।’
जब काबा से 22 साल पुराना काला पत्थर हटा दिया गया था
सोमवार, जनवरी 18, 930 की दोपहर थी जब यह घटना घटी, जिसके बाद कई वर्षों तक काला पत्थर काबा की बजाए एक अलग स्थान पर रहा।
नौवीं से ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान इराक, यमन और विशेष रूप से बहरीन में सक्रिय करामता सेना, अबू ताहिर सुलेमान के नेतृत्व में छह दिन पहले, हज के पहले दिन घोड़े पर सवार होकर हरम में दाख़िल हुई थी।
फ्रांसिस ई. पीटर्स अपनी पुस्तक “मक्का: ए लिटरेरी हिस्ट्री ऑफ द मुस्लिम होली लैंड” में लिखते हैं कि ” क़रामता अब्बासी खिलाफ़त को जहां कमज़ोर पाते, वहां हमला करते, और कूफे से मक्का जाता रास्ता दरब ज़ुबैदाह उनके लिए एक आसान लक्ष्य था।”
‘दसवीं सदी के पहले सात वर्ष, क़रमातियों ने इराकी हज के काफिलों को परेशान करते रहे। अगले दो दशकों तक ख़ामोशी रही। फिर सन 925 में बग़दाद से निकला हज का काफिला मक्का नहीं पहुँच सका और अब्बासी खलीफत के इस दारुलखिलाफा से अगले दो वर्षों तक किसी ने हज पर जाने की हिम्मत नहीं की।’
उसमानी इतिहासकार क़ुत्बुद्दीन के अनुसार, अबू ताहिर की फौज ने ‘हरम, मक्का और आस-पास की घाटियों में लगभग 30 हजार लोगों की हत्या की। 1700 लोगों की जान तवाफ करते हुए ली गई और ज़म ज़म और अन्य कुएँ लाशें से भर गए।’
फिर उन्होंने ‘काबा के खज़ाने को लूटा। मक़ाम-ए-इब्राहीम यानी वह पत्थर जिस पर काबा की तामीर करते समय हज़रत इब्राहीम के कदमों के निशान हैं, को खोजा लेकिन वह कहीं छिपा हुआ था। निराश होकर अबू ताहिर ने हजऱ-ए-असवद को उखाड़कर अपने क्षेत्र अल-अहसा की राजधानी हजर में दारुलहिजर नामक मस्जिद में लगा दिया।’
इस्लामी इंसाइक्लोपीडिया में सय्यद क़ासिम महमूद लिखते हैं कि ‘अब अबू ताहिर पर घमंड सवार हुआ कि लोग काबा के हज और तवाफ को छोड़कर दारुलहिजर का हज करें लेकिन यह असफल रहा।’
‘हजऱ-ए-असवद लगभग 22 वर्षों तक अबू ताहिर के कब्जे में रहा और लगभग 10 वर्षों तक काबा का हज शांति न होने के कारण नहीं हो सका। सन 939 में अबू ताहिर की अनुमति और हर हाजी से पांच दीनार का कर वसूलने की शर्त पर हज फिर से शुरू हुआ।’
क़ुत्बुद्दीन के अनुसार, काबा के पूर्वी कोने की ओर हजऱ-ए-असवद की जगह खाली रही और लोग तबर्रुक के तौर पर उस जगह पर हाथ रख देते थे।
सन 950 में हजऱ-ए-असवद को फिर से काबा में स्थापित किया गया। यौम-ए-नहर (क़र्बानी के दिन) को सनबर बिन हसन क़रमाता ने हजर-ए-असवद को फिर से उसकी जगह पर लगया। ‘लोगों ने हजऱ-ए-असवद को देखा तो शुक्राना किया और इसे चूमा।’
हजर-ए-असवद को कब-कब नुकसान पहुँचा?
अब्दुल्ला बिन ज़ुबैर जो काबा की तामीर में शामिल लोगों से हैं नकल करते हैं कि काबा को आग लगने से हजऱ-ए-असवद के तीन टुकड़े हो गए थे।
‘एक छोटा सा टुकड़ा किसी तरह बनूशैबा के एक आदमी के हाथ लग गया और बहुत दिन तक बिनूशैबा के पास रहा। फिर अब्दुल्ला बिन ज़ुबैर ने हजऱ-ए-असवद के टुकड़ों को चांदी के छल्ले से बांध दिया। जब बाद में यह छल्ला कमजोर हो गया और हजऱ-ए-असवद के टुकड़े हिलने लगे तो अब्बासी खलीफा हारून अल-रशीद ने हजऱ-ए-असवद में आर-पार छेद कर के इसमें चांदी भरवा दी।’
अली शबीर की ‘तारीख़ हजऱ-ए-असवद’ के अनुसार इतिहास में कोई तीन बार हजऱ-ए-असवद पर चोटें की गईं।
‘हालांकि इसके टुकड़े अलग-अलग नहीं हुए लेकिन कई हिस्सों में टूट गया था जो चांदी के छल्ले की वजह से अलग नहीं हो सके।’
‘उसमानी सुलतान मुराद चहारम (1623 से 1640 तक) के शासन काल में जब अत्यधिक बारिश से, जिसमें एक हजार लोग भी हताहत हुए, काबा को नुकसान पहुँचा और हजऱ-ए-असवद को निकालकर बाहर रखा गया तो इस समय देखा गया कि इसके 13 टुकड़े थे जिनमें से अधिकतर छोटे थे।’
हेल्मी आय़डन का टोपकापी (Topkapı) पैलेस म्यूज़ियम के बारे में अपनी लिखाई में कहना है कि ‘उसमानी सुलतान हरिमैन शरीफैन के मुहाफिज़ के तौर पर हजऱ-ए-असवद के चारों ओर चांदी के फ्रेम समय-समय पर बदलवाते रहे। पुराने फ्रेम वापस इस्तांबुल लाए जाते जहां वे अब भी टोपकापी महल में पवित्र वस्तुओं के हिस्से में रखे गए हैं।’
अली शबीर के अनुसार एक बार एक व्यक्ति ने हथौड़ी से एक टुकड़ा तोड़ा जो बाद में जोड़ दिया गया। इस सहित अब कुल मिलाकर हजऱ-ए-असवद के 14 टुकड़े हैं जो मसाले से जोड़ दिए गए हैं।
Aalim Sahab
Scholar
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ख़ैबर की जंग के बाद हज़रत ख़ालिद बिन वलीद, हज़रत अम्र बिन आस और हज़रत उस्मान बिन तल्हा रज़ी अल्लाहु अन्हु के ईमान लाने का वाक़िया पेश आया।
Khalid Bin Waleed Ka Qubool E Islam | Prophet Muhammad History in Hindi Part 41
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आप ﷺ अपनी ऊँटनी पर सवार हुए और उसकी लगाम ढीली छोड़ दी। ऊँटनी चल पड़ी, वह उस जगह जाकर बैठ गई जहाँ आज मस्जिद-ए-नबवी है।
Masjid E Nabvi | Prophet Muhammad History in Hindi Part 31
मेराज का वाक्य हमने Part 27 में ज़िक्र किया है उसी का एक हिस्सा हम यहां ज़िक्र करेंगे वो है के नमाज़ कब फ़र्ज़ हुई
namaz kab farz hui | prophet muhammad history in hindi part 28
जब मुसलमान खुलकर सब कुछ करने लगे जैसे काबे का तवाफ नमाज़ और दिन की तबलीग तो तमाम क़ुरैश ने मिलकर नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को क़त्ल करने का फैसला किया।
Boycott of Muslims | Prophet Muhammad History in Hindi Part 23
Kafiron Ka Zulm (Prophet Muhammad History in Hindi Part 15) ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈Seerat e Mustafa Qist 15 ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈ काफ़िरों का ज़ुल्म (पैगम्बर मुहम्मद का इतिहास भाग …
यही नवजवान आगे चलकर अल्लाह के बरगज़ीदा और पैग़म्बर बने और बनी इसराईल की रुश्द व हिदायत के लिए रसूल और उनके इज्तिमाई नज़्म व ज़ब्त के लिए ख़लीफ़ा मुक्रर्रर हुए। तालूत की मौजूदगी में ही या उनकी मौत के बाद हुकूमत की बागडोर हज़रत दाऊद (अलै.) के हाथ में आ गई।
hazrat dawood alaihis salam history
hazrat ilyas alaihis salam in hindi क़ुरआन में हज़रत इलयास हज़रत इलियास (अलैहिस्सलाम) इसराइलियों के एक पैगंबर हैं, जिन्हें बाइबिल में एलिजा (Elijah) कहा …
पिछले Part में हमने Hazrat Musa Alaihissalam की पैदाईश से Firon के समंदर में डूबने तक का ज़िक्र किया
अब यहां से हम Hazrat Musa Alaihissalam और Bani-Isrsel यानि यहूदियों का ज़िक्र करेंगे के किस तरह उन्होंने हज़रत मूसा के साथ सुलूक किया।
Hazrat Musa Alaihissalam and Jews History (Part 2)
उनको यह शरफ़ हासिल है कि वह ख़ुद नबी, उनके वालिद नबी, उनके दादा नबी और परदादा हज़रत इब्राहीम अबुल अंबिया (नबियों के बाप) हैं।
कुरआन में इनका जिक्र छब्बीस बार आया है और इनको यह भी फक्र हासिल है कि इनके नाम पर एक सूरः (सूरः यूसुफ़) कुरआन में मोजूद है जो सबक और नसीहत का बेनज़ीर जखीरा है, इसीलिए कुरआन मजीद में हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम के वाकिए को ‘अहसनुल कसस’ कहा गया है।
Hazrat Yusuf Alaihissalam Story in Hindi
Story of prophet yusuf
नौजवान बेटियों के पिता इसे गांठ बाँध लें कि रिश्ता तय करने से लेकर निकाह तक की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए।
Complete Ideal Road Map For Daughter Marriage
सुअर की चर्बी का सेवन करने से हमारे समाज में
बेशर्मी (Indecency) निर्दयता (Cruelty) – यौन शोषण (Sexual Exploitation) बढ़ता जा रहा है।
Are you eating pork? Pork and Muslim
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बाद यह पहले नबी हैं जिनको रिसालत अता की गई। सहीह मुस्लिम बाबे श्फ़ाअत में हज़रत अबू हुरैरह (र.अ) से एक रिवायत में यह आया है कि: “ऐ नूह अलैहिस्सलाम तू जमीन पर सबसे पहला रसूल बनाया गया।“
hazrat nuh Alaihissalam history in hindi
इन दोनों भाइयों में अपनी शादियों से मुत्ताल्लिक् जबरदस्त इख्तिलाफ़ का जिक्र किया गया है। इस मामले को ख़त्म करने के लिए हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने यह फैसला फ़रमाया कि दोनों अपनी-अपनी क़ुरबानी अल्लाह के हुज़ूर में पेश करें। जिसकी कुर्बानी मंजूर हो जाए, वही अपने इरादे के पूरा कर लेने का हक़दार है।
habil and qabil story in hindi
अल्लाह तआला ने आदम को मिटटी से पैदा किया और उनका ख़मीर तैयार होने से पहले ही उसने फ़रिश्तों को यह ख़बर दी कि वह बहुत जल्द मिट्टी से एक मख्लूख पैदा करने वाला है जो ‘बशरः‘ कहलाएगी और ज़मीन में हमारी ख़िलाफ़त का शरफ़ हासिल करेगी।
hazrat adam date of birth in islam
शब-ए-मेराज इस्लाम में एक पवित्र रात मानी जाती है,
इस रात में इबादत करने, नफ्ल नमाज़ पढ़ने और अल्लाह से दुआ करने की विशेष फज़ीलत है।
Shab e Barat ki Namaz || Shab e Qadr Ki Namaz
इस्लामी इतिहास में शब-ए-मेराज एक बहुत ही अहम और रहस्यमयी घटना है, जिसमें पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) को जन्नत की यात्रा कराई गई थी। यह घटना हिजरी कैलेंडर के रजब महीने की 27वीं रात को हुई थी और इसे इस्लाम में बहुत पवित्र माना जाता है। इस रात पैगंबर (ﷺ) को मक्का से बैतुल मुकद्दस (अल-अक्सा मस्जिद) और फिर सातों आसमानों से होते हुए अल्लाह तक पहुंचाया गया।
Shab e Barat Kya hai || Shab e Meraj
जो नौजवान शादी करना चाहते हैं पर समझ नहीं पाते किस प्रकार की लड़की से शादी की जाए? चुनाव किस आधार पर हो? तरीका क्या हो? खुद किस काबिल हैं? वगैरह।
Shadi Karna Chahte hain? To ye Zaroor Padhen
कुंडों की फातिहा हज़रत इमाम जाफर सादिक़ रहमतुल्लाह अलैह के इसाल-ए-सवाब के लिए की जाने वाली एक रूहानी और नेक रवायत है, जो भारत और पाकिस्तान के मुसलमानों के बीच अकीदत के साथ प्रचलित है। इस लेख में न केवल इस अमल की हकीकत और दलाइल को बयान किया जाएगा, बल्कि हज़रत इमाम जाफर सादिक़ रहमतुल्लाह अलैह की शख्सियत, उनकी खिदमात, और कुंडों की फातिहा से उनके ताल्लुक को भी स्पष्ट किया जाएगा।
kunde ki niyaz kyu karte hai
इज़राइल के इब्रानी टेलीविज़न कान 11 (KAN 11) के अनुसार, गाज़ा प्रतिरोधकारों ने शांति समझौते का जवाब कतर के माध्यम से इज़राइल को भेजा है।
Gaza peace agreement 2025
अंधेरी रात है। विदेशी सभा में लोगों की भीड़ लगी हुई है। बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही है। सभी गैर-मुस्लिम हैं। बड़े-बड़े राजा, मंत्री, दार्शनिक, हकीम और बुद्धिजीवी इकट्ठे हुए हैं। जो रौज़ा-ए-अथहर के खिलाफ अत्यंत भयानक और डरावनी योजना बना रहे हैं।
roza e rasool ke chaaro taraf diwaaren kyu hain
वह अंडलुस का विजेता था। एक महान योद्धा सेनापति। लेकिन इतिहास ने उसे दमिश्क की मस्जिद के सामने भीख मांगते भी देखा। जिसे दुश्मन युद्धों में नहीं हरा सके, उसे अपनों ने भिखारी बना दिया।
A Warrior, Forced to Beg From his Own People Hindi
وہ فاتح اندلس تھا ۔ ایک عظیم جنگجو سالار لیکن تاریخ نے اسے دمشق کی مسجد کے سامنے بھیک مانگتے بھی دیکھاجسے دشمن جنگوں میں نہ ہرا سکے اسے اپنوں نے بھکاری بنادیا
A Warrior, Forced to Beg From his Own People Urdu
हैकल-ए-सुलेमानी दरअसल एक मस्जिद या उपासना स्थल था, जो हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुक्म से जिन्नों से तामीर करवाया था ताकि लोग उसकी तरफ़ रुख़ करके या उसके अंदर इबादत करें।
Jewish connection to the Temple of Solomon in Hindi
ہیکل سلیمانی درحقیقت ایک مسجد یا عبادت گاہ تھی۔ جو حضرت سلیمان علیہ السلام نے اللہ کے حکم سے جنات سے تعمیر کروائی تھی تاکہ لوگ اس کی طرف منہ کرکے یا اس کے اندر عبادت کریں۔
सबसे पहले हज़रत सैय्यदा ख़दीजा रज़ियल्लाहु अन्हा ईमान लेकर आईं, उनके बाद सबसे पहले ईमान लाने वाले शख़्स हज़रत अबू बक्र रज़ियल्लाहु अन्हु थे। वह आपके क़रीबी दोस्त थे। उन्होंने आपकी ज़ुबान से नबूवत का ज़िक्र सुनते ही तुरंत तस्दीक़ की और ईमान ले आए।
बच्चों में सबसे पहले ईमान लाने वाले हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु थे।
Sabse Pehle Iman Lane wale
Prophet Muhammad History in Hindi Qist 13
सीडियाना जेल, जो शाम के शहर दमिश्क के नज़दीक वाक़े है, दुनिया की सबसे सख्त और बदनाम जेलों में से एक मानी जाती है। इस जेल में कैदियों को बेहद सख्त हालात में रखा जाता था, जहां कई कैदियों ने दशकों तक सूरज की रोशनी नहीं देखी और बाहर की हवा को भी महसूस नहीं किया।
Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Hindi
صیدیانہ جیل، جو شام کے شہر دمشق کے نزدیک واقع ہے، دنیا کی سب سے سخت اور بدنام جیلوں میں سے ایک مانی جاتی ہے۔ اس جیل میں قیدیوں کو انتہائی سخت حالات میں رکھا جاتا تھا، جہاں کئی قیدیوں نے دہائیوں تک سورج کی روشنی نہیں دیکھی اور باہر کی آب و ہوا کو بھی محسوس نہیں کیا۔
Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Urdu
दमिश्क: बानो उमैय्या का दारुलख़िलाफ़ा रहने वाला वह क़दीम शहर जिसने कई ख़ुलफ़ा और बादशाहों का उरूज और ज़वाल देखा।
शाम जिसने अल्लाह की तलवार ख़ालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु अन्हु की सिपहसालारी देखी।
जिसकी ज़मीन पर अपने ज़माने के बेहतरीन लोगों के क़दमों के निशानात हैं।
जहाँ साए सलाहुद्दीन अय्यूबी उठा था जिनकी इज़्ज़त यूरोप में भी की जाती है।
History of Syria in Hindi
دمشق: بنو اُمیہ کا دارالخلافہ رہنے والا وہ قدیم شہر جس نے کئی خلفا اور بادشاہوں کا عروج و زوال دیکھا
شام جس نے اللہ کی تلوار خالد بن ولید رضی اللہ عنہ کی سپہ سالاری دیکھی
جس کی زمین پر اپنے زمانے کے بہترین لوگوں کے قدموں کے نشانات ہیں
جہاں سآے صلاح الدین ایوبی اٹھا تھا جن کی عزت یورپ میں بھی کی جاتی ہے
History of Syria in Urdu
मुल्क ए शाम (Syria) से संबंधित एक-एक करके हदीसें पूरी हो रही हैं। कहा जाता है कि जब फितने फैलेंगे तो शाम में अमन होगा। शाम को आख़िरी ज़माने में मुसलमानों का हेडक्वार्टर कहा गया। इस ब्लॉग में हदीसों की रोशनी में शाम की अहमियत और फज़ीलत से संबंधित पूरी जानकारी है, जिससे आपको मौजूदा स्थिति (December 2024) को समझने में आसानी होगी।
Importance of Syria in the light of Hadiths
यह सुनकर हज्जाज का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने सईद को मारने का हुक्म दे दिया। जब हज़रत सईद को दरबार से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वह मुस्कुरा दिए।
हज्जाज बिन यूसुफ की दर्दनाक मौत
उन्होंने एक ख़ातून नफीसाह बिन्त मुनिया को आपकी ख़िदमत में भेजा। उन्होंने आकर आपसे कहा कि अगर कोई दौलतमंद और पाकबाज़ ख़ातून खुद आपको निकाह की पेशकश करे तो क्या आप मान लेंगे?
huzur ka hazrat khadeeja se nikah (prophet muhammad history in hindi qist 10)
इस्लाम में स्त्री पुरुष की गुलाम नहीं है स्त्री को पुरुष की कनीज (दासी) नहीं माना गया है, जैसा कि कुछ अन्य धर्मों में होता है। बल्कि, वह पुरुष की साथी, सहचरी, और उसकी सच्ची मित्र है। कुरआन व हदीस में महिलाओं के अधिकार
women’s rights in islam
जब भी आप ﷺ मैदान-ए-जंग में पहुंचते, तो बनी किनाना को जीत मिलती और जब आप वहाँ न होते, तो उन्हें शिकस्त होने लगती। आपने इस जंग में सिर्फ़ इतना हिस्सा लिया कि अपने चाचाओं को तीर पकड़ाते रहे और बस।
prophet muhammad history
बहीरा ने यह भी देखा कि हज़रत मुहम्मद साहब पर एक बादल साया किए हुए है। जब काफिला एक पेड़ के नीचे आकर ठहरा तो उसने बादल को देखा कि वह अब उस पेड़ पर साया कर रहा था। उस पेड़ की शाखें उस दिशा में झुक गई थीं जहां हज़रत मुहम्मद साहब बैठे थे।
Prophet Muhammad History in Hindi Qist 7
हज़रत आमिना के इंतकाल के पाँच दिन बाद उम्म-ए-अैमन आपको लेकर मक्का पहुँचीं। आपको अब्दुल मुत्तलिब के हवाले किया। आपके यतीम हो जाने का उन्हें इतना सदमा था कि बेटे की वफ़ात पर भी इतना नहीं हुआ था।
Prophet Muhammad History in Hindi Qist 6
“ख़ुदा की क़सम! मुझे यह बात बहुत नागवार गुज़र रही है कि मैं बच्चे के बिना जाऊँ, दूसरी सब औरतें बच्चे लेकर जाएँ, ये मुझे ताने देंगे, इस लिए क्यों न हम इसी यतीम बच्चे को ले लें।”
Prophet Muhammad History in Hindi Qist 5
“इस बारे में अपनी ज़ुबान बंद रखो, यानी किसी को कुछ मत बताओ, नहीं तो लोग उस बच्चे से जबरदस्त ईर्ष्या करेंगे, इतनी ईर्ष्या जितनी अब तक किसी से नहीं की गई और उसकी इतनी कड़ी मुखालफत होगी कि दुनिया में किसी और की इतनी मुखालफत नहीं हुई।”
prophet muhammad history in hindi qist 4
“मैं इस ग़म से बेहोश हुआ था कि मेरी कौम में से नबूवत खत्म हो गई… और ऐ क़ुरैशियो! अल्लाह की कसम! यह बच्चा तुम पर जबरदस्त ग़ालिब आएगा और इसकी शोहरत मशरिक से मगरिब तक फैल जाएगी।”
prophet muhammad history in hindi
मैं ये शब्द लिख रहा हूँ और इस वक्त मेरी जिंदगी का हर लम्हा मेरी नज़रों के सामने है। गलियों के बीच गुजरने वाला बचपन, फिर जेल के लंबे साल, फिर वो खून का हर कतरा जो इस ज़मीन की मिट्टी पर बहाया गया।
Yahya Sinwar ki Wasiyat
इसलिए उन्होंने क़ुरआंदाज़ी (लॉटरी) करने का इरादा किया। सभी बेटों के नाम लिखकर क़ुरआ डाला गया। अब्दुल्लाह का नाम निकला। अब उन्होंने छुरी ली, अब्दुल्लाह को बाजू से पकड़ा और उन्हें ज़िबह करने के लिए नीचे लिटा दिया।
Zamzam Water Well Digging History in Hindi ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈Seerat e Mustafa Qist 1┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈ हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के बेटे हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम के 12 बेटे थे। …
उनके पिता मारे गए, तो हजरत अबू हुज़ैफा रज़ीअल्लाहु अन्हु का चेहरा उदास देखकर पैगंबर ﷺ ने पूछा: “अबू हुदैफा! शायद तुम्हें अपने पिता का कुछ अफसोस है।”
उन्होंने कहा
Hazrat Abu Huzaifa History in hindi
सागर के किनारे स्थित एक बस्ती जिसका नाम “ऐला” था, जो वर्तमान में लाल सागर के किनारे, मदीयन और तूर के बीच स्थित थी, में एक अजीब घटना हुई जिसका उल्लेख अल्लाह ने अपने कलाम में किया है
The People of Saturday
अच्छी लड़कियों को पसंद करके, उनका ईमान खराब करके, उनसे इनबॉक्स में वादे करके, उनके पर्दे की धज्जियाँ उड़ाकर, उन्हें बुरी लड़की का लेबल लगाकर छोड़ने वालों, एक रब भी है उसका खौफ करो। लानत है ऐसी तालीम, गैरत और शराफत पर, जो तुम लोगों से शुरू होकर तुम लोगों पर ही खत्म हो जाती है।
Mohabbat Sirf Nikaah hai, Aut Agar Nikaah Nahi to Gunaah hai
kya hum universe se bahar nikal sakte hain
अगर आपकी उम्र 60 साल है और आप इस कैदखाने से बाहर निकलने की सोच रहे हैं, तो ऐसा सोचने की भी ज़रूरत नहीं, क्योंकि यह मुमकिन नहीं है। अगर आपकी उम्र 60 हज़ार या 60 लाख साल हो जाए, तब भी यह मुमकिन नहीं है।
इसी के साथ शरियत ने निकाह के मामले में माँ-बाप और बच्चों दोनों को ये हिदायत दी है कि वो एक-दूसरे की पसंद का ख़याल रखें। माँ-बाप को चाहिए कि अपने बच्चों का निकाह वहाँ न करें जहाँ वो बिल्कुल राज़ी न हों।
हज़रत हुज़ैफा बिन यमान की ज़िंदगी
जब आपने हुज़ूर ﷺ को देखा, तो आदब से पूछा: ” हुज़ूर में मुहाजिर हूं या अंसार ” आप ﷺ ने कहा: “चाहो मुहाजिर कहलाओ या अंसार, तुम्हें पूरा अधिकार है।” हज़रत हुज़ैफा ने कहा: “यारसूल अल्लाह! मैं अंसारी बनना पसंद करूंगा।”
hazrat huzaifa bin yaman
मानसा मूसा (Mansa Musa) या माली के मूसा प्रथम को दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, जिनकी संपत्ति का अनुमान आज के समय में $400 अरब से अधिक होती। माली साम्राज्य के इस शासक ने 14वीं सदी में इतना धन अर्जित किया कि उसे अकल्पनीय माना जाता है। लेकिन मानसा मूसा केवल धनवान नहीं थे; बल्कि उन्होंने अपने साम्राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थिति को भी काफी हद तक बदल दिया। इस लेख में, हम मानसा मूसा के जीवन, शासनकाल, और उनकी विरासत को जानेंगे।
Mansa Musa History in Hindi
Biography of the Prophet ﷺ in the mirror of Hijri Date (important events)
महीने और साल के आईने में पैगंबर ﷺ की जीवनी (महत्वपूर्ण घटनाएँ)
سیرتِ نبوی ﷺ (اہم واقعات) ماہ و سال کے آئینے میں
दुनिया में कुछ लोग हमेशा के लिए किसी बात की अलामत और निशान बन जाते हैं या कोई ख़ास चीज़ उनकी पहचान बन कर रह जाती है
इसी तरह, महान मुजाहिद, गोरिल्ला कमांडर और शानदार सेनापति Sultan Salahuddin Ayyubi रहमतुल्लाह अलैह अपने कारनामों की वजह से बहादुरी और साहस का प्रतीक बन गए। जब भी कहीं दिलेरी और बहादुरी की बात होती है, तो तुरंत Sultan Salahuddin Ayyubi का नाम याद आता है।
यह जनवरी 930 की बात है जब मक्का में एक ऐसी घटना घटी जिसने उस समय की पूरी मुस्लिम दुनिया को हिलाकर रख दिया। जब एक समूह ने मक्का में प्रवेश किया और काबा से Hajre Aswad को उखाड़ लिया, जिसे मुसलमान पवित्र मानते हैं। हालाँकि, यह समूह Hajre Aswad को अपने साथ ले गया और अगले 22 वर्षों तक वापस नहीं लौट सका। येवो वक्त था जब अब्बासी खिलाफात आंतरिक इख्तिलाफ़ से जूझ रही थी
Hajre Aswad 22 Saal Ke Liye Kaha Gayab Ho Gaya Tha
इस्लाम के दुश्मन खास तौर पर पश्चिमी दुनिया के लोग इस बात को लेकर हज़रत मुहम्मद ﷺ की शान में गुस्ताख़ी करते नज़र आते हैं। और आप ﷺ के पाकिज़ा किरदार को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करते हैं। इनकी देखा-देखी, आजकल हिंदुस्तान के कुछ तंग-ज़हन, इस्लाम मुखालिफ लोग भी इसे मुद्दा बनाकर मुसलमानों के जज़्बात को आहत करने की कोशिश कर रहे हैं।Shadi ke Waqt Hazrat Ayesha ki umar kitni thi
Age of Hazrat Ayesha
दोस्तो! ये कौन सा धर्म है? यह किस प्रकार की किताब है? मैं अपनी जिंदगी पर शर्त लगा सकता हूं कि यह किताब किसी इंसान द्वारा नहीं लिखी जा सकती। यह बिल्कुल असंभव है; इस किताब में लिखे हैं इतने बड़े खुलासे? मात्र तीन श्लोकों (आयतों) में हमें उस तकनीक के बारे में बताया गया है जिसे सीखने में मनुष्य को 3000 साल लग गए।
Quantum Teleport aur Takht e Bilqees: एक हैरान कर देने वाली रिसर्च
इस समय वतन अज़ीज़ हिंदुस्तान में 78वां यौम-ए-आज़ादी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन यह एक अफ़सोसनाक हक़ीक़त है कि आज के दिन लोग तहरीक-ए-आज़ादी में पसीना बहाने वालों को तो खूब याद करते हैं, लेकिन ख़ून बहाने वालों को भूल जाते हैं। यह एक मुस्लिम-उस्सबूत और नाक़ाबिल-ए-तर्दीद हक़ीक़त है कि हिंदुस्तान की आज़ादी उलेमा-ए-किराम के ही दम-ए-कदम से मुमकिन हुई है। आज हम आज़ादी की जिस खुशगवार फिज़ा में ज़िंदगी के लमहात गुज़ार रहे हैं, यह उलेमा-ए-हक़ के ही सरफरोशाना जज़्बात और मुजाहिदाना किरदार का नतीजा है।
Jung e Azadi mein Ulma e Kiram ka Kirdar
फिलिस्तीनी संगठन जब अमेरिका में इजराइल के साथ आम बातचीत कर रहा था, उसी समय यासर अराफात और इजराइल के बीच ओस्लो में बेहद गुप्त बातचीत हो रही थी। ये बातचीत डेढ़ साल तक 10 राजधानी में 14 दौरों तक सख्त गुप्तता में चली।
Oslo Peace Agreement 1993, 18 months of secret negotiations, and massacre of Palestinians, Hamas Movement in hindi
कर्बला के झूठे किस्से कर्बला की घटना को बयान करने में सबसे बड़ी कठिनाई यह थी कि हजरत सैयदना इमाम हुसैन रज़ि. के काफिले के बचे हुए लोगों में से किसी ने भी अपनी पूरी जिंदगी में इस घटना की पूरी जानकारी नहीं दी। अगर उन व्यक्तियों से कुछ आंशिक जानकारी मिली भी, तो वह ऐसी नहीं थी जो सबाई योजना को पूरा करने में सहायक साबित हो। इसलिए, इस त्रासदी को असाधारण रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए झूठ और अपमान पर आधारित ऐसे-ऐसे किस्से मशहूर किए गए कि अगर सबाई मानसिकता को ध्यान में रखते हुए सरसरी निगाह से भी उनका अध्ययन किया जाए, तो यह झूठ पूरी तरह उजागर हो जाता है।
जिस तरफ देखो शरीअत से खिलवाड़ का दौर-ए-दौरा है, जहाँ नज़र करो दीन के मुसल्मात से छेड़ छाड़ करने वाले नज़र आ रहे हैं और जिस तरफ़ तवज्जो करो उसी तरफ इज्मा-ए-उम्मत क्या इज्मा-ए-सहाबा तक को चैलेंज किया जा रहा है।
नाकाम शहज़ादे और दीन की सौदागरी
इस में, हम जाँच करेंगे कि “सभ्य पश्चिम” इस विषय पर क्या कहता है। उनका सामान्य जनसमूह, कानून, अध्ययन, सर्वेक्षण, जूरी सदस्य और यहाँ तक कि बलात्कारी भी।
क्या महिलाएं उत्तेजक कपड़े पहनकर यौन हिंसा और बलात्कार को आमंत्रित करती हैं?
अब तक फ्रांस और इटली जैसे यूरोपीय देशों से ही इस्लामी लिबास और शआर पर पाबंदी की खबरें सुनाई देती थीं, अब खुद को संस्कृति परस्त और लिबरल दिखाने के जुनून में मुस्लिम देश भी इस्लामी तालीमात पर पाबंदियां लगाने पर उतर आए हैं। यूरोप के बाद इस्लामिक देशों में इस्लामी रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?
1982 massacre and rape of Palestinians, release of 1145 prisoners in exchange for 3 ,1987 Intifada, Hamas movement in hindi
1982 में फिलिस्तीनियों का नरसंहार और बलात्कार, 3 के बदले 1145 कैदियों की रिहाई, 1987 इंतिफादा, हमास आंदोलन हिंदी में
Qur’an is about the universe, the earth and the sky, the depths of the sea, the Big Bang, the victory of the Romans and the lowest point on earth in Hindi
फिलिस्तीन के साथ अरबों की मक्कारी, विश्व युद्ध 1 और ब्रिटिश शासन
arab revolution, arab betrayal of Palestinians, British,WW1 and Ottoman Empire in hindi
यहाँ आकर हम यह कह सकते हैं कि फिलिस्तीन में बनी इस्राइल की पहली हुकूमत 995 ईसा पूर्व को क़ायम हुई थी, लेकिन गुज़िश्ता औराक से पता चलाता है कि बनी इस्राइल से बहुत पहले फिलिस्तीन पर कनानी और येबुसीयों ने अर्शे दराज़ से हुकूमत करते चले आ रहे थे, उनका ज़माना 2600 ईसा पूर्व का था, यह बहुत प्राचीन इतिहास है, इसमें और बनी इस्राइल की सल्तनत के क़ायम होने में 1600 साल का ज़माना है।
What is Haikal e Sulemani
तारीख़ ए फिलिस्तीन (किस्त 2)
अल-नुमान बिन साबित, जिन्हें आमतौर पर अबू हनीफ़ा के रूप में जाना जाता है, सुन्नी कानून की चार विद्यालयों में से एक के संस्थापक माने जाते हैं। वे अल-इमाम अल-अज़म (ग्रेट इमाम) और सिराज़ अल-आइम्मा (इमामों का दीपक) के रूप में व्यापक रूप से जाने जाते हैं।
मस्जिदे अक्सा का इतिहास
मस्जिद अल-अक्सा फ़िलिस्तीन के दारुलहुकूमत बैतुलमकदस में स्थित है। बैतुलमकदस को अल-कुदस भी कहा जाता है, और अल-कुदस को पश्चिमी शब्दों में यरुशलम कहा जाता है। इबरानी में अल-कुदस को यरुशलम कहा जाता है। इसका एक नाम इलिया भी है। इस्लाम से पहले इसे एक रोमी बादशाह ने इलिया रखा था।
Masha allah
Bahut khub