Biography of the Prophet ﷺ in the mirror of Hijri Date (important events)
हिंदी में
महीने और साल के आईने में पैगंबर ﷺ की जीवनी (महत्वपूर्ण घटनाएँ)
1. **पैगंबर ﷺ का जन्म**
– **570 ईस्वी /
आप ﷺ का जन्म 12 रबी अल-अव्वल को मक्का में हुआ। इस साल को “आमुल फील” कहा जाता है, क्योंकि इस साल अब्रहा की सेना ने काबा पर हमला किया था, जिसे अल्लाह ने अबाबील के ज़रिए नीस्तो-नाबूद किया था।
2. **आपका बचपन**
– **576 ई.
पैगम्बर ﷺ की माँ हज़रत अमीना की मृत्यु तब हुई जब वह लगभग छह वर्ष के थे। उसके बाद उनके दादा अब्दुल मुत्तलिब ने उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभाली।
– **578 ई./ उनके दादा अब्दुल मुत्तलिब का निधन हो गया। उसके बाद आपके चाचा अबू तालिब ने आपकी देखभाल की।
3. **शबाब/जवानी**
– **595 ई.
पैगंबर मुहम्मद ﷺ का विवाह हज़रत ख़दीजा R.A. से हुआ था। हज़रत ख़दीजा एक धनी व्यापारी थीं और वह पैगंबर ﷺ की सच्चाई और भरोसेमंदता से प्रभावित हुईं और उनसे शादी की पेशकश की। उस वक़्त आपकी उम्र 25 साल थी और हज़रत ख़दीजा 40 साल की थीं।
4. **बेअसत और ऐलान ये नुबुव्वत **
– **610 ई.
पैगंबर मुहम्मद (PBUH) को 40 साल की उम्र में पहली वही गार ए हिरा में नाज़िल हुई। यह घटना रमज़ान के महीने में घटी जब हज़रत जिब्राईल ने आप ﷺ को सूरह अल-अलक की शुरुआती आयतें पढ़ने का आदेश दिया। उस दिन आप ﷺ की बेअसत हुई।
5. **शुरूआती दावत**
– **613 ई.
पैगंबर ﷺ ने अपना निमंत्रण सार्वजनिक कर दिया। सबसे पहले आप ﷺ के क़रीबी लोग, जैसे हज़रत खदीजा, हज़रत अली, हज़रत अबू बक्र और हज़रत ज़ैद बिन हारिसह ईमान लाए।
6. **हब्शा की हिजरत**
– **615 ई.
कुरैश के ज़ुल्म और सितम से तंग आकर, कुछ मुसलमानों को आप ﷺ ने हब्शा की तरफ़ हिजरत करने की अनुमति दी थी। इस प्रवास में हज़रत उस्मान बिन अफ्फान अपनी पत्नी हज़रत रुकय्या (पैगंबर मुहम्मद ﷺ की बेटी) के साथ शामिल थे।
7. **दुखों का साल**
– **619 ई.
यह वर्ष आप पैगम्बर ﷺ के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण और दुखद वर्ष था, क्योंकि इसी वर्ष उनकी पत्नी हज़रत खदीजा और चाचा अबू तालिब की मृत्यु हो गयी। वे दोनों आपके लिए बहुत बड़े सहायक थे।
8. **मेअराज का वाक्या**
– **620 ई.
इस वर्ष, पैगंबर मुहम्मद ﷺ को मेअराज का वाक्या पेश आया हुई थी, जिसमें उन्हें मस्जिद अल-हरम से मस्जिद अल-अक्सा और फिर रात के एक हिस्से में आसमानों में ले जाया गया था। मिराज में आप ﷺ को 5 वक्त की नमाजों का उपहार दिया गया।
9. ** बैअत-ए-उकबा **:
– **621 ई.
मदीना के कबाइल औस और खज़रज के लोगों ने पैगंबर ﷺ से बैत की और इस्लाम स्वीकार कर लिया। इस घटना को बैत-ए-उकबा के नाम से जाना जाता है।
10. ** आप ﷺ की हिजरत**
– **622 ई./1 हिजरी*
मक्का के काफिरों के अत्याचारों के कारण पैगंबर मुहम्मद ﷺ और हजरत अबू बक्र सिद्दीक ने मक्का से मदीना चले गए। वह ﷺ 12 रबी अल-अव्वल 1 हिजरी को मदीना पहुंचे। इस घटना के बाद इस्लामिक कैलेंडर यानी हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हुई.
11. **मदीना में इस्लामिक स्टेट की स्थापना**:
– **622 ई./1 हिजरी**:
मदीना पहुंचकर पैगम्बर ﷺ ने इस्लामिक राज्य की स्थापना की। मदीना में, उन्होंने मुवाखात (भाईचारा) की स्थापना की, जो मुहाजिरीन और अंसार के बीच प्रेम और समर्थन का रिश्ता क़ायम हुआ। इसके अलावा उन्होंने यहूदी कबीलों के साथ मदीना के मुआहीदे किए।
12. ** बद्र की जंग**:
– **624 ई./2 हिजरी**:
बद्र की लड़ाई मुसलमानों की पहली रक्षात्मक लड़ाई थी जो रमज़ान के महीने में हुई थी। इस युद्ध में मुसलमानों की कम संख्या होने के बावजूद अल्लाह की मदद से मक्का के काफिरों को हरा दिया गया। 313 मुसलमानों ने काफिरों की एक हजार सेना को हरा दिया।
13. **उहुद की जंग**:
– **625 ई./3 हिजरी**:
यह लड़ाई मक्का के पास उहुद पहाड़ के पास में लड़ी गई थी। इस युद्ध में मुसलमानों को शुरुआती सफलता तो मिली, लेकिन बाद में मुस्लिम सेना ने पैगंबर ﷺ के आदेश के खिलाफ़ काम किया, जिससे मुसलमानों को नुकसान उठाना पड़ा.
14. **खंदक की जंग**:
– **627 ई./5 हिजरी**:
यह युद्ध काफिरों और उनके सहयोगी कबीलों ने मदीना पर हमला करने की नियत से लड़ा। हज़रत सलमान फ़ारसी की सलाह पर मुसलमानों ने मदीना के चारों ओर एक खाई खोद दी। इस रणनीति के कारण काफ़िर मदीना में घुसने में नाकाम रहे।
15. **सुलह ए हुदैबिया**:
– **628 ई./6 हिजरी**:
आप ﷺ और मक्का के काफिरों के बीच एक समझौता हुआ, जिसे सुलह ए हुदैबिया के रूप में जाना जाता है। जाहिर तौर पर यह समझौता मुसलमानों को सख़्त मालूम होता था, लेकिन इसके नतीजे में मुसलमानों को कई जीतें हासिल हुईं।
16. ** खैबर की विजय **:
– **629 ई./7 हिजरी**:
खैबर में यहूदी कबीलों के साथ युद्ध हुआ जिसमें मुसलमानों की जीत हुई। खैबर की विजय मुस्लिम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एक अहमकदम साबित हुई।
17. **मक्का पर विजय**:
– **630 ई./8 हिजरी**:
पैगंबर ﷺ ने 10,000 साथियों के साथ मक्का की ओर प्रस्थान किया और बिना खून बहाए मक्का पर विजय प्राप्त की। इस मौके पर, आप ﷺ ने एक सामान्य माफी की घोषणा की और उन सबको माफ कर दिया जिन्होंने आप पर हर तरह के ज़ुल्म किए थे,
18. **हुज्जत उल वदाअ**:
– **632 ई./10 हिजरी**:
नबी करीम ﷺ ने अपने आखिरी हज के मौके पर, मुसलमानों को ‘हुज्जत उल वदाअ’ नामक एक खुतबा दिया जिसमें उन्होंने मानवता, भाईचारे और विभिन्न इस्लामी उसूलों के बारे में बताया।
19. **पैगंबर ﷺ की वफात**:
– **632 ई./11 हिजरी**:
रबी अल-अव्वल के 12वें दिन, नबी अकरम ﷺ का मदीना में निधन हो गया। उनके जिस्म ए अकदस मस्जिद ए नबवी के पास हुजरा ए आयशा में दफनाया गया।
اُردو میں
سیرتِ نبوی ﷺ (اہم واقعات) ماہ و سال کے آئینے میں
ولادتِ نبوی۔ 570 ء
آپ ﷺ کی ولادت 12 ربیع الاول کو مکہ مکرمہ میں ہوئی۔ اس سال کو عام الفیل کہا جاتا ہے کیونکہ اس سال ابرہہ کی فوج نے کعبہ پر حملہ کیا تھا، جسے اللہ تعالیٰ نے ابابیل کے ذریعے شکست دی
آپ کا بچپن۔ ء576
نبی اکرم ﷺ کی والدہ حضرت آمنہ کا انتقال ہوا جب آپ ﷺ کی عمر تقریباً چھ سال تھی۔ اس کے بعد آپ ﷺ کی پرورش کی ذمہ داری آپ کے دادا عبد المطلب نے سنبھالی۔- 578ء :آپ ﷺ کے دادا عبدالمطلب کا انتقال ہو گیا۔ اس کے بعد آپ ﷺ کے چچا ابو طالب نے آپ کی کفالت کی
شباب۔ 595ء
:نبی اکرم ﷺ کی شادی حضرت خدیجہ رضی اللہ عنہا سے ہوئی۔ حضرت خدیجہ ایک مالدار تاجرہ تھیں اور انہوں نے آپ ﷺ کی سچائی اور امانت داری سے متاثر ہو کر آپ کو شادی کی پیشکش کی۔ اس وقت آپ ﷺ کی عمر 25 سال تھی اور حضرت خدیجہ کی عمر 40 سال۔
اعلان نبوت۔ 610ء
نبی اکرم ﷺ کو 40 سال کی عمر میں غارِ حرا میں پہلی وحی نازل ہوئی۔ یہ واقعہ رمضان کے مہینے میں پیش آیا جب حضرت جبرائیل علیہ السلام نے آپ ﷺ کو سورۃ العلق کی ابتدائی آیات پڑھنے کا حکم دیا۔ اسی دن سے آپ ﷺ کی بعثت ہوئی۔۵
ابتدائی دعوت۔ 613ء
نبی اکرم ﷺ نے اپنی دعوت کو علانیہ طور پر پیش کیا۔ سب سے پہلے آپ ﷺ کے قریبی لوگ جیسے حضرت خدیجہ، حضرت علی، حضرت ابو بکر اور حضرت زید بن حارثہ رضی اللہ عنہم ایمان لائے۔
حبشہ کی ہجرت۔ 615ء
قریش کے ظلم و ستم سے تنگ آ کر کچھ مسلمانوں کو نبی اکرم ﷺ نے حبشہ ہجرت کرنے کی اجازت دی۔ اس ہجرت میں حضرت عثمان بن عفان مع اپنی اہلیہ حضرت رقیہ (نبی اکرم ﷺ کی بیٹی) شامل تھے
عام الحزن۔ 619ء
یہ سال نبی اکرم ﷺ کی زندگی میں انتہائی اہم اور دکھ بھرا سال تھا، کیونکہ اس سال آپ ﷺ کی زوجہ حضرت خدیجہ اور چچا ابو طالب کا انتقال ہوا۔ یہ دونوں آپ کے لیے بڑے سہارے تھے۔
معراج کا واقعہ۔ 620ء
اس سال نبی اکرم ﷺ کو معراج کا واقعہ پیش آیا، جس میں آپ ﷺ کو رات کے ایک حصے میں مسجد الحرام سے مسجد الاقصیٰ اور پھر آسمانوں تک لے جایا گیا۔ معراج میں آپ ﷺ کو پنج وقتہ نماز کا تحفہ عطا کیا گیا۔
بدعت عقبہ۔ 621ء
مدینہ کے قبائل اوس اور خزرج کے کچھ افراد نے نبی اکرم ﷺ سے بیعت کی اور اسلام قبول کیا۔ یہ واقعہ بیعتِ عقبہ کے نام سے مشہور ہے۔
ہجرت مدینہ۔ 622ء
نبی اکرم ﷺ اور حضرت ابو بکر صدیق رضی اللہ عنہ نے کفارِ مکہ کے مظالم کے باعث مکہ مکرمہ سے مدینہ منورہ کی جانب ہجرت فرمائی۔ آپ ﷺ 12 ربیع الاول 1 ہجری کو مدینہ پہنچے۔ اسی واقعے کے بعد اسلامی تقویم یعنی ہجری کیلنڈر کا آغاز ہوا۔
مدینہ میں اسلامی ریاست کا قیام۔ 622ء
مدینہ پہنچنے کے بعد آپ ﷺ نے اسلامی ریاست کی بنیاد رکھی۔ مدینہ میں آپ ﷺ نے مواخات (بھائی چارہ) قائم کیا، جس میں مہاجرین اور انصار کے درمیان محبت اور مدد کا تعلق قائم ہوا۔ اس کے علاوہ آپ ﷺ نے یہودی قبائل کے ساتھ میثاقِ مدینہ کے معاہدے کیے۔
غزوہ بدر۔ 624ء
غزوہ بدر مسلمانوں کی پہلی دفاعی جنگ تھی جو رمضان کے مہینے میں ہوئی۔ اس جنگ میں مسلمانوں کی تعداد کم ہونے کے باوجود اللہ کی مدد سے کفارِ مکہ کو شکست ہوئی۔ 313 مسلمانوں نے کفار کی ایک ہزار فوج کو شکست دی۔
غزوہ احد۔ 625ء
یہ جنگ مکہ کے قریب احد پہاڑ کے دامن میں لڑی گئی۔ اس جنگ میں مسلمانوں کو ابتدائی کامیابی ملی، مگر بعد میں مسلمانوں کی فوج نے نبی اکرم ﷺ کے حکم کی خلاف ورزی کی، جس کی وجہ سے مسلمانوں کو نقصان اٹھانا پڑا۔
غزوہ خندق۔ 627ء
یہ جنگ کفار اور ان کے اتحادی قبائل نے مدینہ پر حملے کی غرض سے لڑی۔ حضرت سلمان فارسی رضی اللہ عنہ کے مشورے سے مسلمانوں نے مدینہ کے گرد خندق کھودی۔ اس حکمتِ عملی کی وجہ سے کفار مدینہ میں داخل ہونے میں ناکام رہے۔
صلح حدیبیہ۔ 628ء
نبی اکرم ﷺ اور کفار مکہ کے درمیان ایک معاہدہ ہوا جسے صلح حدیبیہ کہا جاتا ہے۔ بظاہر یہ معاہدہ مسلمانوں کے لیے سخت معلوم ہوتا تھا، مگر اس کے نتیجے میں مسلمانوں کو بہت سی فتوحات نصیب ہوئیں۔
فتح خیبر۔ 629ء
یہودی قبائل کے ساتھ خیبر میں ایک جنگ ہوئی جس میں مسلمانوں نے فتح حاصل کی۔ خیبر کی فتح مسلمانوں کی معیشت کو مضبوط کرنے میں ایک اہم قدم ثابت ہوئی۔
فتح مکہ۔ 630ء
نبی اکرم ﷺ نے 10,000 صحابہ کرام کے ساتھ مکہ مکرمہ کی جانب پیش قدمی کی اور بغیر خون بہائے مکہ کو فتح کیا۔ اس موقع پر آپ ﷺ نے عام معافی کا اعلان کیا اور کعبہ کو بتوں سے پاک کیا۔
حجۃالوداع۔ 632ء
نبی اکرم ﷺ نے اپنے آخری حج کے موقع پر مسلمانوں کو حجۃ الوداع نامی ایک جامع خطبہ دیا جس میں آپ نے انسانیت، اخوت، اور متعدد اسلامی اصولوں کی وضاحت کی۔
وفات نبوی۔ 632ء
ربیع الاول کو نبی اکرم ﷺ کا وصال مدینہ منورہ میں ہوا۔ آپ ﷺ کا جسدِ مبارک مسجدِ نبوی سے متصل حجرۂ عائشہ میں دفن کیا گیا۔
Masha allah 💚💚