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Qur’an is about the universe, the earth and the sky, the depths of the sea, the Big Bang, the victory of the Romans and the lowest point on earth in Hindi

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ब्रह्मांड के उत्पत्ति पर क़ुरआन

आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान, अवलोकन और सैद्धांतिक, स्पष्ट रूप से बताता है कि एक समय पूरा ब्रह्मांड ‘धुएं’ के बादल के अलावा कुछ भी नहीं था (यानी एक अपारदर्शी, अत्यधिक घनी और गर्म गैसीय संरचना)।[1] यह आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान के निर्विवाद सिद्धांतों में से एक है। वैज्ञानिक अब उस ‘धुएं’ के अवशेषों से बनने वाले नए तारों को देख सकते हैं

हम रात मे जो जगमगाते तारे देखते हैं वे पूरे ब्रह्मांड की तरह ही उस ‘धुएँ’ जैसे थे। ईश्वर क़ुरआन में कहता है:

"फिर आसमान की तरफ देखा और वह धुआं था..." (क़ुरआन 41:11)

क्योंकि जमीन और ऊपर आसमान (सूरज, चांद, तारे, ग्रह, आकाशगंगा, आदि) इसी ‘धुएं’ से बने हैं, हमारा निष्कर्ष है कि जमीन और आसमान आपमे जुड़े हुए थे। फिर इसी ‘धुएँ’ से ये बने और एक दूसरे से अलग हो गए। ईश्वर क़ुरआन में कहता है:

“क्या उन लोगों ने जिन्होंने इनकार किया, देखा नहीं कि ये आकाश और धरती बन्द थे। फिर हमने उन्हें खोल दिया...” (क़ुरआन 21:30)

डॉ. अल्फ्रेड क्रोनर विश्व के प्रसिद्ध भूवैज्ञानिकों में से एक हैं। यें भूविज्ञान के प्रोफेसर हैं और भूविज्ञान संस्थान, जोहान्स गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय, मैन्ज़, जर्मनी में भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं। इन्होंने कहा: “मुहम्मद जिस जगह से हैं . . .

मुझे लगता है कि यह लगभग असंभव है कि वह ब्रह्मांड के बनने जैसी चीजों के बारे मे जान सके, क्योंकि वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ वर्षो मे बहुत ही जटिल और उन्नत तकनीकी तरीकों से इसके बारे में पता लगाया है।”

उन्होंने यह भी कहा: “कोई व्यक्ति जो चौदह सौ साल पहले परमाणु भौतिकी के बारे में कुछ नहीं जानता था, मुझे नही लगता कि वह अपने दिमाग से यह पता लगा सके कि जमीन और आसमान का स्त्रोत एक ही है।”

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पृथ्वी का वातावरण
“बारिश वाले आसमान की कसम.” (क़ुरआन 86:11)
“वह जिसने जमीन को तुम्हारा फर्श और आसमान को छत बनाया…” (क़ुरआन 2:22)

पहली आयत में ईश्वर आसमान और उससे ‘लौटने’ वाले चीज की कसम खाता है, यह बताये बिना कि वह क्या लौटाता है। इस्लामी सिद्धांत में, एक दैवीय कसम ईश्वर कि एक विशेष संबंध को दर्शाती है, और उसकी शान और सर्वोच्च सच को एक खास तरीके से दिखाती है।

दूसरा आयत ईश्वरीय कार्य को बताता है जिसने आसमान को दुनिया के लोगो के लिए ‘छत’ बना दिया।

आइए देखते हैं कि आधुनिक वातावरण विज्ञान आसमान की भूमिका और कार्य के बारे में क्या कहता है।

वायुमंडल एक ऐसा शब्द है जो पृथ्वी के चारों ओर, जमीन से लेकर उस किनारे तक, जहां से अंतरिक्ष शुरू होता है, सभी हवा को दर्शाता है। वायुमंडल कई परतों से बना है, प्रत्येक परत को उसके अंदर होने वाली विभिन्न घटनाओं के आधार पर परिभाषित किया गया है।

बारिश एक चीज़ है जो आसमान से बादलों द्वारा पृथ्वी पर “लौटती” है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका जल विज्ञान चक्र के बारे मे बताते हुए लिखता है:

“जलीय और स्थलीय दोनों वातावरण में सूरज की गर्मी की वजह से पानी भाप बन जाता है। भाप बनने और बारिश की दर सौर ऊर्जा पर निर्भर करती है, जैसा कि हवा में नमी के संचलन का पैटर्न और समुद्र की धाराओं पर होता है। वाष्पीकरण समुंद्र पर वर्षण बढ़ाती है, और यह पानी का भाप हवा द्वारा जमीन के ऊपर आ जाता है, जहां यह बारिश के जरिये जमीन पर वापस लौटता है।”

वातावरण न केवल जो जमीन पर था उसे वापस जमीन पर लौटाता है बल्कि यह वापस अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है जो पृथ्वी के वनस्पतियों और जीवों को नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे अत्यधिक गर्मी। 1990 के दशक में नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ई एस ए), और जापान के अंतरिक्ष और अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान (आई एस ए एस) के बीच सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सौर-स्थलीय भौतिकी (आई एस टी पी) विज्ञान की पहल हुई। ध्रुवीय, पवन और जियोटेल (उपग्रह) इस पहल का एक हिस्सा हैं, जो संसाधनों और वैज्ञानिक समुदायों को मिलाकर एक विस्तारित अवधि में सूर्य-पृथ्वी अंतरिक्ष पर्यावरण की एक साथ जांच करते हैं। इनके पास स्पष्टीकरण हैं कि कैसे वातावरण सौर ताप को अंतरिक्ष में लौटाता है।

“लौटने” वाली बारिश, गर्मी और रेडियो तरंगों के अलावा वातावरण घातक ब्रह्मांडीय किरणों, सूर्य के शक्तिशाली अल्ट्रावायलेट (यूवी) रेडिएशन और यहां तक कि पृथ्वी के साथ टकराने से बने उल्कापिंडों को फ़िल्टर करके हमारे सिर के ऊपर एक छत की तरह हमारी रक्षा करता है।

पेंसिल्वेनिया स्टेट पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग हमें बताता है:

“जिस सूर्य की रोशनी को हम देख सकते हैं वह तरंगदैर्घ्य, दृश्य प्रकाश के एक समूह का प्रतिनिधित्व करती है। सूर्य से निकलने वाली अन्य तरंगदैर्घ्य मे एक्स-रे और अल्ट्रावायलेट रेडिएशन शामिल हैं। एक्स-रे और कुछ अल्ट्रावायलेट प्रकाश तरंगें पृथ्वी के वायुमंडल में उच्च अवशोषित होती हैं। ये वहां गैस की पतली परत को बहुत अधिक तापमान तक गर्म करते हैं। अल्ट्रावायलेट प्रकाश तरंगें वे किरणें हैं जिस से सूर्यदाह हो सकता है। अधिकांश अल्ट्रावायलेट प्रकाश तरंगें पृथ्वी के करीब गैस की एक मोटी परत द्वारा अवशोषित की जाती हैं जिसे ओजोन परत कहते हैं।

वायुमंडल घातक अल्ट्रावायलेट और एक्स-रे को अवशोषित कर के ग्रह के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है। एक विशाल थर्मल कंबल की तरह वातावरण की तापमान को बहुत अधिक गर्म या बहुत ठंडा होने से बचाता है। इसके अलावा वातावरण हमें उल्कापिंडों, चट्टान के टुकड़ों और धूल से भी बचाता है जो पूरे सौर मंडल में उच्च गति से चलती हैं। रात में जो हम गिरते हुए तारे देखते हैं असल में ये तारे नहीं हैं; वास्तव में ये हमारे वातावरण में अत्यधिक गर्मी के कारण जल रहे उल्कापिंड होते हैं।”

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका समतापमण्डल की भूमिका बताते हुए हमें खतरनाक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन को अवशोषित करने में इसकी सुरक्षात्मक भूमिका के बारे में बताती है:

“ऊपरी समतापमंडलीय क्षेत्रों में सूर्य से अल्ट्रावायलेट प्रकाश का अवशोषण ऑक्सीजन अणुओं को तोड़ता है; O2 अणुओं और ऑक्सीजन परमाणुओं के ओजोन (O3) में पुनर्संयोजन से ओजोन परत बनती है, जो निचले पारिस्थितिक मण्डल को हानिकारक लघु तरंगदैर्ध्य से बचाती है… हालांकि अधिक परेशान करने वाली बात समशीतोष्ण अक्षांशों पर ओजोन की बढ़ती कमी का पता चलता है जहां दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है, क्योंकि ओजोन परत हमें अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से बचाने का काम करती है, जिसे त्वचा कैंसर का कारण पाया गया है।”

मध्यमण्डल वह परत है जिसमें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय कई उल्कापिंड जल जाते हैं। 30,000 मील प्रति घंटे की बेसबॉल ज़िपिंग की कल्पना करें। कई उल्कापिंड इतने बड़े और तेज होते हैं। जब ये उल्कापिंड वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो 3000 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक गर्म होते हैं और ये चमकते हैं। ये उल्कापिंड अपने सामने हवा को संकुचित करते हैं। हवा गर्म होती जाती है जिससे ये उल्कापिंड भी गर्म होते जाते हैं।

पृथ्वी एक चुंबकीय बल क्षेत्र से घिरी हुई है – अंतरिक्ष में एक बुलबुला है जिसे “चुम्बकीय गोला” कहा जाता है, ये दसियों हज़ार मील चौड़ा है। चुम्बकीय गोला हमें सौर तूफानों से बचाता है। हालांकि नासा के इमेज अंतरिक्ष यान और संयुक्त नासा/यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी क्लस्टर उपग्रहों की नई टिप्पणियों के अनुसार कभी-कभी पृथ्वी के चुम्बकीय गोले में अपार दरारें बन जाती हैं और घंटों तक खुली रहती हैं। इसकी वजह से सौर हवा आगे बढ़ती है और अंतरिक्ष में तूफानी मौसम बनाती है। सौभाग्य से ये दरारें पृथ्वी की सतह को सौर हवा के संपर्क में नहीं आने देती। हमारा वातावरण हमारी रक्षा करता है भले ही हमारा चुंबकीय क्षेत्र न हो।

सातवीं शताब्दी के एक रेगिस्तानी निवासी के लिए आकाश का इतना सटीक वर्णन करना कैसे संभव होगा जिसकी पुष्टि हाल की वैज्ञानिक खोजों ने की हो? इसकी एक ही वजह हो सकती है की आसमान के बनाने वाले ने इसके बारे मे बताया हो।

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गहरे समुद्र और आंतरिक लहरों पर क़ुरआन

अल्लाह क़ुरआन में कहता है

"या फिर उसका उदाहरण ऐसा है जैसे एक गहरे समुद्र के अंधेरे के ऊपर लहरे, उसपर और लहरे और उसके ऊपर बादल। अंधेरे पर अंधेरा छाया हुआ है। यदि आदमी अपना हाथ निकाले तो वह उसे भी न देख पाए..." (क़ुरआन 24:40)

यह आयत गहरे समुद्रों और महासागरों में पाए जाने वाले अंधेरे के बारे में बताता है, जहां आदमी यदि अपना हाथ बहार निकाले तो वह उसे भी नहीं देख सकता। गहरे समुद्रों और महासागरों में अंधेरा लगभग 200 मीटर और उसके नीचे की गहराई के बाद होता है। इस गहराई के बाद लगभग कोई रोशनी नही होती। और 1000 मीटर की गहराई के बाद बिलकुल ही रोशनी नही होती। पनडुब्बियों या विशेष उपकरणों के बिना आदमी चालीस मीटर से अधिक डुबकी नही लगा सकता। 200 मीटर की गहराई पर महासागरों के गहरे अंधेरे हिस्से में आदमी बिना किसी सहायता के जीवित नही रह सकता।

वैज्ञानिकों ने हाल ही में विशेष उपकरणों और पनडुब्बियों की सहयता से इस अंधेरे की खोज की है, जिसने उन्हें महासागरों की गहराई में डुबकी लगाने में सक्षम बनाया है।

हम पिछली आयत के इन वाक्यों “…एक गहरे समुद्र के अंधेरे के ऊपर लहरे हैं, उसपर और लहरे हैं और उसके ऊपर बादल हैं…” से भी समझ सकते हैं कि समुद्रों और महासागरों का गहरा पानी लहरों से ढका हुआ है, और इन लहरों के ऊपर अन्य लहरें हैं। यह स्पष्ट है कि लहरों की दूसरी सतह समुद्र के सतह की वो लहरें हैं जिन्हें हम देखते हैं, क्योंकि छंद मे बताया गया है कि दूसरी लहरों के ऊपर बादल हैं। लेकिन पहली लहरों का क्या? वैज्ञानिकों ने हाल ही में पता लगाया है कि आंतरिक लहरे हैं जो “विभिन्न घनत्वों की परतों के बीच घनत्व इंटरफेस पर होती हैं।”

आंतरिक लहरें समुद्रों और महासागरों के गहरे पानी को ढक लेती हैं क्योंकि गहरे पानी का उनके ऊपर के पानी की तुलना में अधिक घनत्व होता है। आंतरिक तरंगें सतही तरंगों की तरह कार्य करती हैं। ये सतही लहरों की तरह टूट भी सकते हैं। मानव आंतरिक लहरों को नही देख सकते, लेकिन कहीं भी तापमान या पानी के खारेपन के बदलाव का अध्ययन करके इनका पता लगाया जा सकता है।

  • फुटनोट
  • [1]ओशनस, एल्डर और पेरनेटा, पृष्ट 27
  • [2]ओशियनोग्राफी, ग्रॉस, पृष्ट 205
  • [3]ओशियनोग्राफी, ग्रॉस, पृष्ट 205

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ब्रह्मांड के बढ़ने और बिग बैंग सिद्धांत पर क़ुरआन

हबल का नियम

हजारों वर्षों से खगोलविदों (एस्ट्रोनॉमर्स) को ब्रह्मांड से संबंधित बुनियादी सवालों में परेशानी हुई है। 1920 के दशक की शुरुआत तक यह माना जाता था कि ब्रह्मांड हमेशा से ही रहा है, और यह भी कि ब्रह्मांड का आकार एक सामान है और यह बदलता नहीं है। हालांकि, 1912 में अमेरिकी खगोलशास्त्री वेस्टो स्लिफर ने एक ऐसी खोज की जिससे जल्द ही ब्रह्मांड के बारे में खगोलविदों की मान्यतायें बदल जाएगी। स्लिफर ने देखा कि आकाशगंगाएं काफी तेज गति से पृथ्वी से दूर जा रही थीं। इससे बढ़ने वाले ब्रह्मांड के सिद्धांत का पहला सबूत मिला

1916 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपना सापेक्षता (रिलेटिविटी) का सामान्य सिद्धांत बनाया जिससे पता चला कि या तो ब्रह्मांड बढ़ता हुआ होना चाहिए या सिकुड़ता हुआ। बढ़ते हुए ब्रह्मांड के सिद्धांत की पुष्टि आखिरकार 1929 में प्रसिद्ध अमेरिकी खगोलशास्त्री एडविन हबल ने की।

आकाशगंगाओं से निकलने वाली प्रकाश तरंगदैर्घ्य में रेडशिफ्ट को देखकर हबल ने पाया कि आकाशगंगाएं अपनी जगह पर स्थिर नहीं थीं; बल्कि ये वास्तव में पृथ्वी से उनकी दूरी के समानुपाती गति से दूर जा रहे थे (हबल का नियम)। इस अवलोकन का एकमात्र स्पष्टीकरण यह था कि ब्रह्मांड का विस्तार होना था। हबल की इस खोज को खगोल विज्ञान के इतिहास में की गई बड़ी खोजों में से एक माना जाता है। 1929 में उन्होंने वेग-समय संबंध प्रकाशित किया जो आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान का आधार है। आने वाले समय में, अधिक अवलोकनों के बाद बढ़ते हुए ब्रह्मांड के सिद्धांत को वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने समान रूप से स्वीकार किया।

लेकिन आश्चर्य वाली बात यह है कि टेलीस्कोप का आविष्कार होने से पहले और हबल का नियम प्रकाशित होने से पहले, पैगंबर मुहम्मद अपने साथियों को क़ुरआन का एक छंद सुनाते हैं जिसमें कहा गया था कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।

“आसमान को हमने हाथों से बनाया है और यक़ीनन हम इसको बढ़ाने वाले हैं।“ (क़ुरआन 51:47)

क़ुरआन के आने के समय “अंतरिक्ष” शब्द के बारे में कोई नहीं जानता था, और लोग पृथ्वी के ऊपर की चीज को “स्वर्ग” कहते थे। ऊपर के छंद में “स्वर्ग” शब्द का मतलब अंतरिक्ष और ज्ञात ब्रह्मांड है। यह छंद अंतरिक्ष यानि ब्रह्मांड के विस्तार को बताता है, जैसा कि हब्बल के नियम में बताया गया है।

क़ुरआन ने दूरबीन के आविष्कार से सदियों पहले इस बात को बताया था, उस समय जब विज्ञान की थोड़ी सी जानकारी को भी काफी माना जाता है। और सोचने वाली बात यह है कि उस समय के कई लोगों की तरह पैगंबर मुहम्मद भी अनपढ़ थे और इस तरह की बातों को वो खुद नहीं जान सकते थे। क्या ऐसा हो सकता है कि वास्तव में ब्रह्मांड को पैदा करने वाले और बनाने वाले से उन्हें यह दिव्य ज्ञान मिला हो?

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बिग बैंग सिद्धांत

अपने सिद्धांत को प्रकाशित करने के तुरंत बाद हबल ने पाया कि आकाशगंगाएं न केवल पृथ्वी से दूर जा रहे थे बल्कि वे एक दूसरे से दूर भी जा रहे थे। इसका मतलब यह था कि जिस तरह एक गुब्बारा हवा भरने पर फैलता है उसी तरह ब्रह्मांड भी हर दिशा में बढ़ रहा था। हबल की इन नयी खोजों ने बिग बैंग सिद्धांत की नींव रखी।

बिग बैंग सिद्धांत में कहा गया है कि लगभग 12 से 15 अरब साल पहले एक बेहद गर्म और घने केंद्र से ब्रह्मांड अस्तित्व में आया था, और इस केंद्र मे किसी वजह से विस्फोट हुआ जिससे ब्रह्मांड की शुरुआत हुई और तब से ब्रह्मांड इसी एक केंद्र से फैल रहा है।

1965 में रेडियो खगोलविदों (एस्ट्रोनॉमर्स) अर्नो पेनज़ियास और रॉबर्ट विल्सन ने एक ऐसी खोज की जिसने बिग बैंग सिद्धांत की पुष्टि की और इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी खोज से पहले ये माना जाता था कि यदि ब्रह्मांड एक अत्यधिक गर्म केंद्र से अस्तित्व में आया था तो इस गर्मी का अवशेष होना चाहिए। पेनज़ियास और विल्सन ने इसी बची हुई गर्मी की खोज की थी। 1965 में पेनज़ियास और विल्सन ने 2.725 डिग्री केल्विन कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन (सी एम बी) की खोज की जो ब्रह्मांड में फैलता है। इससे यह माना गया कि पाया गया रेडिएशन बिग बैंग के प्रारंभिक चरणों का अवशेष था। इस समय बिग बैंग सिद्धांत को अधिकांश वैज्ञानिक और खगोलविद स्वीकार करते हैं।

क़ुरआन मे इसका जिक्र है

"वह (ईश्वर) आसमानों और ज़मीन को पैदा करने वाला है..." (क़ुरआन 6:101)
"क्या वो जिसने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया, इसकी कुदरत नहीं रखता कि इन जैसों को पैदा कर सके? क्यों नही, जबकि वो माहिर बनाने वाला है। वो तो जब किसी चीज़ का इरादा करता है तो उसका काम बस ये है कि उसे हुक्म दे कि हो जा और वह हो जाता है।" (क़ुरआन 36:81-82)

ऊपर की आयत साबित करती है कि ब्रह्मांड की शुरुआत थी, इसको बनाने वाला ईश्वर है, और बनाने के लिए ईश्वर को सिर्फ यह कहना है की हो जा और वह हो जाता है। क्या यह इस बात का स्पष्टीकरण हो सकता है कि जिस विस्फोट से ब्रह्मांड की शुरुआत हुई वो कैसे हुआ?

क़ुरआन यह भी कहता है

"क्या वो लोग जो इनकार करते हैं ये नही देखते कि आसमान और जमीन आपस मे जुड़े हुए थे, फिर हमने इन्हें अलग किया, और पानी से हर जिन्दा चीज पैदा की? क्या वो इसे नहीं मानते?" (क़ुरआन 21:30)

मुस्लिम विद्वान जिन्होंने पिछले छंद का मतलब बताया है वो कहते हैं कि आसमान और जमीन एक समय जुड़े हुए थे, और फिर ईश्वर ने उन्हें अलग कर के सात आसमान और जमीन बनाया। फिर भी क़ुरआन के आने के समय (और आने वाली कई शताब्दियों तक) विज्ञान और टेक्नोलॉजी की कमी के कारण कोई भी विद्वान इस बारे में अधिक नहीं बता पाया कि वास्तव में आसमान और जमीन कैसे बने। विद्वान छंद में सिर्फ अरबी के प्रत्येक शब्द का सही मतलब और साथ ही पुरे छंद का मतलब बता सकते थे।

पिछले छंद (आयत) में अरबी के शब्द रत्क़ और फ़तक़ का उपयोग हुआ है। रत्क़ शब्द का अनुवाद “इकाई” “सिलना” “एक साथ जुड़ा हुआ” या “बंद” में किया जा सकता है। इन सभी अनुवादों का मतलब किसी ऐसी चीज़ से है जो मिला हुआ है और जिसका एक अलग और विशेष अस्तित्व है। क्रिया फ़तक़ का अनुवाद “हमने खोल दिया” “हमने उन्हें अलग कर दिया” “हमने अलग कर दिया” या “हमने उन्हें खोल दिया” है। इनका मतलब है कि कोई चीज अलग करने और तोड़ने से अस्तित्व में आती है। मिट्टी से एक बीज का अंकुरित होना क्रिया फ़तक़ का एक अच्छा उदाहरण है।

बिग बैंग सिद्धांत के आने से मुस्लिम विद्वानों के लिए जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि इस सिद्धांत में जो बताया गया है वह क़ुरआन की सूरत 21 के छंद 30 में ब्रह्मांड के निर्माण के बारे में बताये गए विवरण के साथ पूरी तरह मेल खाता है। इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड की सभी चीजे एक अत्यंत गर्म और घने केंद्र से ही बानी है; इसमें विस्फोट हुआ और ब्रह्मांड के बनने की शुरुआत हुई, जो इस छंद से पूरी तरह मेल खाता है जिसमे बताया गया है कि आसमान और जमीन (ब्रह्मांड) एक समय जुड़े हुए थे और फिर अलग हुए। ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब ब्रह्मांड को बनाने वाले और पैदा करने वाले ईश्वर ने पैगंबर मुहम्मद को इसके बारे में बताया हो।

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रोमनों की जीत और पृथ्वी का सबसे निचला बिंदु

7वीं शताब्दी की शुरुआत में उस समय के दो सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बाइज़ेंटाइन और फारसी साम्राज्य थे। साल 613 – 614 सीई में इन दो साम्राज्यों में युद्ध हुआ, जिसमे बाइज़ेंटाइन को फारसियों के हाथों एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा। दमिश्क और यरुशलम दोनों फारसी साम्राज्य के अधीन हो गए। पवित्र क़ुरआन के अध्याय अल-रूम में यह कहा गया है कि “बाइज़ेंटाइन बुरी तरह हारे हैं, लेकिन जल्द ही उन्हें जीत हासिल होगी:”

"रोमन क़रीब की जमीन पर हार गए, लेकिन हारने के तीन से नौ साल के अंदर फिर से जीतेंगे। इन सब पर ईश्वर का ही नियंत्रण है, पहले भी और बाद में भी।" (क़ुरआन 30:2-4)

ऊपर की ये आयतें 620ई. के आसपास आईं, 613 – 614 सी.ई. में मूर्तिपूजक फारसियों के हाथों ईसाई बाइज़ेंटाइन की हार के लगभग 7 साल बाद। फिर भी छंद मे यह बताया गया है कि बाइज़ेंटाइन जल्द ही जीतेंगे। वास्तव में बाइज़ेंटाइन इतनी बुरी तरह हारा था कि इसके साम्राज्य के बचने की उम्मीद भी मुश्किल लग रही थी, इसके फिर से जीतने की बात तो छोड़ ही दें।

सिर्फ फ़ारसी ही नही बल्कि बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के उत्तर और पश्चिम में स्थित अवार्स, स्लाव और लोम्बार्ड्स भी बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के लिए गंभीर खतरा बन गए थे। अवार्स कॉन्स्टेंटिनोपल की दीवारों तक आ गए थे और लगभग सम्राट को पकड़ ही लिया था। कई गवर्नरों ने सम्राट हेराक्लियस के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, और साम्राज्य पतन के कगार पर था। मेसोपोटामिया, सीरिया, फिलिस्तीन, मिस्र और आर्मेनिया जो पहले बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के थे, उन पर भी फारसियों ने आक्रमण कर दिया था।

संक्षेप में, हर कोई बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के खत्म होने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन ठीक उसी समय अध्याय अल-रूम का छंद आया जिसमे बताया गया कि बाइज़ेंटाइन कुछ वर्षों में फिर से जीतेगा। ये छंद आने के कुछ समय बाद ही बाइज़ेंटाइन सम्राट ने चर्च के सोने और चांदी को पिघलाने का आदेश दिया ताकि सेना के खर्चे और हारे हुए क्षेत्रों को वापस पाने के लिए अपने अभियान के खर्चे पुरे कर सकें।

अध्याय अल-रूम का छंद (आयत) आने के लगभग 7 साल बाद दिसंबर 627ई में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य और फारसी साम्राज्य के बीच मृत सागर के आसपास के क्षेत्र में एक निर्णायक युद्ध हुआ,[2] और इस बार बाइज़ेंटाइन सेना ने आश्चर्यजनक रूप से फारसियों को हरा दिया। इसके कुछ महीने बाद फारसियों को बाइज़ेंटाइन के साथ एक समझौता करना पड़ा, जिसकी वजह से उन्हें उन क्षेत्रों को वापस करना पड़ा जो उन्होंने उनसे लिया था। तो ईश्वर ने क़ुरआन में जैसा बताया था आखिर में वही हुआ और रोमनों की चमत्कारिक रूप से जीत हुई।

ऊपर दिए गए छंदो (आयतों) में एक और भौगोलिक तथ्य बताया गया है जिसका उस समय कोई भी पता नहीं लगा सका होगा। अध्याय अल-रूम के तीसरे छंद में यह बताया गया है कि रोम वाले “निचले भूमि बिंदु” (क़ुरआन 30:3) पर हारे थे। ध्यान देने वाली बात है कि दमिश्क और यरुशलम में जिन स्थानों पर मुख्य युद्ध हुए थे वो ग्रेट रिफ्ट वैली नामक निचले इलाके के विशाल क्षेत्र में स्थित हैं। ग्रेट रिफ्ट वैली जमीन पर एक विशाल 5,000 किलोमीटर की भ्रंश रेखा है जो एशिया के मध्य-पूर्व में उत्तरी सीरिया से पूर्वी अफ्रीका में मध्य मोज़ाम्बिक तक जाती है। सबसे उत्तरी विस्तार सीरिया, लेबनान, फिलिस्तीन और जॉर्डन तक है। दरार फिर दक्षिण में अदन की खाड़ी तक फैली हुई है, पूर्वी अफ्रीका से होते हुए अंत में मोज़ाम्बिक में निचली ज़ांबेज़ी नदी घाटी तक है।

एक दिलचस्प तथ्य जो हाल ही में उपग्रह चित्रों की मदद से खोजा गया है वह यह है कि ग्रेट रिफ्ट वैली में स्थित मृत सागर के आसपास का क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे कम ऊंचाई वाला है। बल्कि पृथ्वी पर सबसे निचला बिंदु मृत सागर की तटरेखा है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 400 मीटर है। इसका मतलब यह है कि ये सबसे निचले बिंदु पर स्थित है और समुद्र से पानी नहीं बह सकता। पृथ्वी पर कोई भी स्थलीय बिंदु मृत सागर की तटरेखा से नीचा नही है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि देश या प्रान्त जो मृत सागर के आसपास के क्षेत्र में रिफ्ट वैली पर रहता है उसे ही क़ुरआन में “सबसे निचली भूमि” बताया गया है। यह क़ुरआन का एक चमत्कार ही है क्योंकि 7वीं शताब्दी में इस तरह के तथ्य को कोई भी व्यक्ति उपग्रह और आधुनिक तकनीक के बिना न तो जान सकता था और न ही इसकी भविष्यवाणी कर सकता था। ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब ब्रह्मांड को बनाने वाले और पैदा करने वाले ईश्वर ने पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इसके बारे में बताया हो।

Note:

सभी साइंसी बातों का आप फैक्ट चैक कर सकते हैं जिसको आप बड़ी आसानी से गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं आधिकारिक वेबसाइट पर फोटो और लेख मिल जाएंगे, विकिपीडिया पर भी आप देख सकते हैं

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ब्लॉग, इतिहास/History

Importance of Syria in the light of Hadiths

मुल्क ए शाम (Syria) से संबंधित एक-एक करके हदीसें पूरी हो रही हैं। कहा जाता है कि जब फितने फैलेंगे तो शाम में अमन होगा। शाम को आख़िरी ज़माने में मुसलमानों का हेडक्वार्टर कहा गया। इस ब्लॉग में हदीसों की रोशनी में शाम की अहमियत और फज़ीलत से संबंधित पूरी जानकारी है, जिससे आपको मौजूदा स्थिति (December 2024) को समझने में आसानी होगी। Importance of Syria in the light of Hadiths
ब्लॉग, इतिहास/History

हज्जाज बिन यूसुफ की दर्दनाक मौत

यह सुनकर हज्जाज का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने सईद को मारने का हुक्म दे दिया। जब हज़रत सईद को दरबार से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वह मुस्कुरा दिए। हज्जाज बिन यूसुफ की दर्दनाक मौत
ब्लॉग

How To Advise Your Freinds The Islamic Way

दोस्त को सलाह देने का इस्लामी तरीक़ा How To Advise Your Freinds The Islamic Way
ब्लॉग

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 12 (beginning of revelation)

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 12 (beginning of revelation)
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Installing the Black Stone ( Prophet Muhammad History in Hindi Qist 11 )

Installing the Black Stone ( Prophet Muhammad History in Hindi ) ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈Seerat e Mustafa Qist 11 ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈ काबे की चौथी तामीर जब आप ﷺ …
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

huzur ka hazrat khadeeja se nikah (prophet muhammad history in hindi qist 10)

उन्होंने एक ख़ातून नफीसाह बिन्त मुनिया को आपकी ख़िदमत में भेजा। उन्होंने आकर आपसे कहा कि अगर कोई दौलतमंद और पाकबाज़ ख़ातून खुद आपको निकाह की पेशकश करे तो क्या आप मान लेंगे? huzur ka hazrat khadeeja se nikah (prophet muhammad history in hindi qist 10)
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

women’s rights in islam in hindi

इस्लाम में स्त्री पुरुष की गुलाम नहीं है स्त्री को पुरुष की कनीज (दासी) नहीं माना गया है, जैसा कि कुछ अन्य धर्मों में होता है। बल्कि, वह पुरुष की साथी, सहचरी, और उसकी सच्ची मित्र है। कुरआन व हदीस में महिलाओं के अधिकार women’s rights in islam
ब्लॉग, Qur’an

22 Things You Must Do With Your Wife

22 Things You Must Do With Your Wife! Your Wife is Your Playmate
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

wives of prophet muhammad and short biography

यहां हम हुज़ूर ﷺ की बीवियों के बारे में बताएंगे यहां हम उनके नाम और थोड़ा सा उनके बारे में ज़िक्र करेंगे Wives of Prophet Muhammad and Short Biography
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi qist 9 (jung e fijar)

जब भी आप ﷺ मैदान-ए-जंग में पहुंचते, तो बनी किनाना को जीत मिलती और जब आप वहाँ न होते, तो उन्हें शिकस्त होने लगती। आपने इस जंग में सिर्फ़ इतना हिस्सा लिया कि अपने चाचाओं को तीर पकड़ाते रहे और बस। prophet muhammad history
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet muhammad history in hindi qist 8

Prophet Muhammad ﷺ History in Hindi Qist 8 ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈Seerat e Mustafa Qist 8 ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈ आपको क़ाफ़िले के साथ इसलिए नहीं ले जाया गया था …
हमारे हुज़ूर ﷺ

muslim boys name || muslim boy names a to z

Muslim boys name
ब्लॉग

prophet muhammad history in hindi qist 7

बहीरा ने यह भी देखा कि हज़रत मुहम्मद साहब पर एक बादल साया किए हुए है। जब काफिला एक पेड़ के नीचे आकर ठहरा तो उसने बादल को देखा कि वह अब उस पेड़ पर साया कर रहा था। उस पेड़ की शाखें उस दिशा में झुक गई थीं जहां हज़रत मुहम्मद साहब बैठे थे। Prophet Muhammad History in Hindi Qist 7
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 6

हज़रत आमिना के इंतकाल के पाँच दिन बाद उम्म-ए-अैमन आपको लेकर मक्का पहुँचीं। आपको अब्दुल मुत्तलिब के हवाले किया। आपके यतीम हो जाने का उन्हें इतना सदमा था कि बेटे की वफ़ात पर भी इतना नहीं हुआ था। Prophet Muhammad History in Hindi Qist 6
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 5

“ख़ुदा की क़सम! मुझे यह बात बहुत नागवार गुज़र रही है कि मैं बच्चे के बिना जाऊँ, दूसरी सब औरतें बच्चे लेकर जाएँ, ये मुझे ताने देंगे, इस लिए क्यों न हम इसी यतीम बच्चे को ले लें।” Prophet Muhammad History in Hindi Qist 5
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi qist 4

“इस बारे में अपनी ज़ुबान बंद रखो, यानी किसी को कुछ मत बताओ, नहीं तो लोग उस बच्चे से जबरदस्त ईर्ष्या करेंगे, इतनी ईर्ष्या जितनी अब तक किसी से नहीं की गई और उसकी इतनी कड़ी मुखालफत होगी कि दुनिया में किसी और की इतनी मुखालफत नहीं हुई।” prophet muhammad history in hindi qist 4
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi

“मैं इस ग़म से बेहोश हुआ था कि मेरी कौम में से नबूवत खत्म हो गई… और ऐ क़ुरैशियो! अल्लाह की कसम! यह बच्चा तुम पर जबरदस्त ग़ालिब आएगा और इसकी शोहरत मशरिक से मगरिब तक फैल जाएगी।” prophet muhammad history in hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

yahya sinwar ki wasiyat

मैं ये शब्द लिख रहा हूँ और इस वक्त मेरी जिंदगी का हर लम्हा मेरी नज़रों के सामने है। गलियों के बीच गुजरने वाला बचपन, फिर जेल के लंबे साल, फिर वो खून का हर कतरा जो इस ज़मीन की मिट्टी पर बहाया गया। Yahya Sinwar ki Wasiyat
ब्लॉग, इतिहास/History

Hazrat Adam Alaihissalam Biography in Hindi

Hazrat Adam Alaihissalam Biography in Hindi
ब्लॉग, सीरत ए औलिया

हज़रत अब्दुल्लाह के बदले 100 ऊंटों की क़ुर्बानी

इसलिए उन्होंने क़ुरआंदाज़ी (लॉटरी) करने का इरादा किया। सभी बेटों के नाम लिखकर क़ुरआ डाला गया। अब्दुल्लाह का नाम निकला। अब उन्होंने छुरी ली, अब्दुल्लाह को बाजू से पकड़ा और उन्हें ज़िबह करने के लिए नीचे लिटा दिया।
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

zamzam water well digging history in hindi

Zamzam Water Well Digging History in Hindi ┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈Seerat e Mustafa Qist 1┈┉┅❀🍃🌸🍃❀┅┉┈ हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के बेटे हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम के 12 बेटे थे। …
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Hazrat Abu Huzaifa History in hindi

उनके पिता मारे गए, तो हजरत अबू हुज़ैफा रज़ीअल्लाहु अन्हु का चेहरा उदास देखकर पैगंबर ﷺ ने पूछा: “अबू हुदैफा! शायद तुम्हें अपने पिता का कुछ अफसोस है।” उन्होंने कहा Hazrat Abu Huzaifa History in hindi
ब्लॉग, Biography/जीवनी, सीरत ए सहाबा

The People of Saturday वो कौम जो बंदर बना दी गई

सागर के किनारे स्थित एक बस्ती जिसका नाम “ऐला” था, जो वर्तमान में लाल सागर के किनारे, मदीयन और तूर के बीच स्थित थी, में एक अजीब घटना हुई जिसका उल्लेख अल्लाह ने अपने कलाम में किया है The People of Saturday
ब्लॉग, Qur’an

Mohabbat Sirf Nikaah hai, Aur Agar Nikaah Nahi to Gunaah hai

अच्छी लड़कियों को पसंद करके, उनका ईमान खराब करके, उनसे इनबॉक्स में वादे करके, उनके पर्दे की धज्जियाँ उड़ाकर, उन्हें बुरी लड़की का लेबल लगाकर छोड़ने वालों, एक रब भी है उसका खौफ करो। लानत है ऐसी तालीम, गैरत और शराफत पर, जो तुम लोगों से शुरू होकर तुम लोगों पर ही खत्म हो जाती है। Mohabbat Sirf Nikaah hai, Aut Agar Nikaah Nahi to Gunaah hai
ब्लॉग

Lawrence of Arabia: Who Broke the Unity of the Muslim Ummah in Hindi

Lawrence of Arabia: Who Broke the Unity of the Muslim Ummah in Hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

Qayamat ki Nishaniyan, Signs of the near end of the day

Qayamat ki Nishaniyan, Signs of the near end of the day
ब्लॉग, Qur’an

kya hum universe se bahar nikal sakte hain

kya hum universe se bahar nikal sakte hain अगर आपकी उम्र 60 साल है और आप इस कैदखाने से बाहर निकलने की सोच रहे हैं, तो ऐसा सोचने की भी ज़रूरत नहीं, क्योंकि यह मुमकिन नहीं है। अगर आपकी उम्र 60 हज़ार या 60 लाख साल हो जाए, तब भी यह मुमकिन नहीं है।
ब्लॉग, Qur’an

Revolutionary discoveries and inventions of Muslim scientists in hindi

discoveries and inventions of Muslim scientists Revolutionary discoveries and inventions of Muslim scientists in hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

kya islam mein love marriage ki ijazat hai

इसी के साथ शरियत ने निकाह के मामले में माँ-बाप और बच्चों दोनों को ये हिदायत दी है कि वो एक-दूसरे की पसंद का ख़याल रखें। माँ-बाप को चाहिए कि अपने बच्चों का निकाह वहाँ न करें जहाँ वो बिल्कुल राज़ी न हों।
ब्लॉग, Qur’an

hazrat huzaifa bin yaman history in hindi

हज़रत हुज़ैफा बिन यमान की ज़िंदगी जब आपने हुज़ूर ﷺ को देखा, तो आदब से पूछा: ” हुज़ूर में मुहाजिर हूं या अंसार ” आप ﷺ ने कहा: “चाहो मुहाजिर कहलाओ या अंसार, तुम्हें पूरा अधिकार है।” हज़रत हुज़ैफा ने कहा: “यारसूल अल्लाह! मैं अंसारी बनना पसंद करूंगा।” hazrat huzaifa bin yaman
ब्लॉग, Biography/जीवनी, इतिहास/History

Mansa Musa Full History in Hindi

मानसा मूसा (Mansa Musa) या माली के मूसा प्रथम को दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, जिनकी संपत्ति का अनुमान आज के समय में $400 अरब से अधिक होती। माली साम्राज्य के इस शासक ने 14वीं सदी में इतना धन अर्जित किया कि उसे अकल्पनीय माना जाता है। लेकिन मानसा मूसा केवल धनवान नहीं थे; बल्कि उन्होंने अपने साम्राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थिति को भी काफी हद तक बदल दिया। इस लेख में, हम मानसा मूसा के जीवन, शासनकाल, और उनकी विरासत को जानेंगे। Mansa Musa Full History in Hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

Biography of the Prophet ﷺ in the mirror of Hijri Date (important events)

Biography of the Prophet ﷺ in the mirror of Hijri Date (important events) महीने और साल के आईने में पैगंबर ﷺ की जीवनी (महत्वपूर्ण घटनाएँ) سیرتِ نبوی ﷺ (اہم واقعات) ماہ و سال کے آئینے میں
Biography/जीवनी, हमारे हुज़ूर ﷺ

Fateh-e-Baitul Muqaddas Sultan Salahuddin Ayyubi ke Aakhiri 6 Saal

दुनिया में कुछ लोग हमेशा के लिए किसी बात की अलामत और निशान बन जाते हैं या कोई ख़ास चीज़ उनकी पहचान बन कर रह जाती है इसी तरह, महान मुजाहिद, गोरिल्ला कमांडर और शानदार सेनापति Sultan Salahuddin Ayyubi रहमतुल्लाह अलैह अपने कारनामों की वजह से बहादुरी और साहस का प्रतीक बन गए। जब भी कहीं दिलेरी और बहादुरी की बात होती है, तो तुरंत Sultan Salahuddin Ayyubi का नाम याद आता है।
ब्लॉग, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Hajre Aswad 22 Saal Ke Liye Kaha Gayab Ho Gaya Tha

यह जनवरी 930 की बात है जब मक्का में एक ऐसी घटना घटी जिसने उस समय की पूरी मुस्लिम दुनिया को हिलाकर रख दिया। जब एक समूह ने मक्का में प्रवेश किया और काबा से Hajre Aswad को उखाड़ लिया, जिसे मुसलमान पवित्र मानते हैं। हालाँकि, यह समूह Hajre Aswad को अपने साथ ले गया और अगले 22 वर्षों तक वापस नहीं लौट सका। येवो वक्त था जब अब्बासी खिलाफात आंतरिक इख्तिलाफ़ से जूझ रही थी Hajre Aswad 22 Saal Ke Liye Kaha Gayab Ho Gaya Tha
ब्लॉग, इतिहास/History

Age of Hazrat Ayesha Shadi ke Waqt Hazrat Ayesha ki umar kitni thi

इस्लाम के दुश्मन खास तौर पर पश्चिमी दुनिया के लोग इस बात को लेकर हज़रत मुहम्मद ﷺ की शान में गुस्ताख़ी करते नज़र आते हैं। और आप ﷺ के पाकिज़ा किरदार को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करते हैं। इनकी देखा-देखी, आजकल हिंदुस्तान के कुछ तंग-ज़हन, इस्लाम मुखालिफ लोग भी इसे मुद्दा बनाकर मुसलमानों के जज़्बात को आहत करने की कोशिश कर रहे हैं।Shadi ke Waqt Hazrat Ayesha ki umar kitni thi Age of Hazrat Ayesha
ब्लॉग, Biography/जीवनी, हमारे हुज़ूर ﷺ

Quantum Teleport aur Takht e Bilqees: एक हैरान कर देने वाली रिसर्च

दोस्तो! ये कौन सा धर्म है? यह किस प्रकार की किताब है? मैं अपनी जिंदगी पर शर्त लगा सकता हूं कि यह किताब किसी इंसान द्वारा नहीं लिखी जा सकती। यह बिल्कुल असंभव है; इस किताब में लिखे हैं इतने बड़े खुलासे? मात्र तीन श्लोकों (आयतों) में हमें उस तकनीक के बारे में बताया गया है जिसे सीखने में मनुष्य को 3000 साल लग गए। Quantum Teleport aur Takht e Bilqees: एक हैरान कर देने वाली रिसर्च
ब्लॉग, Qur’an, इतिहास/History

सबसे पुराना धर्म कौन सा है-sabse purana dharm kaun sa hai

इस पोस्ट में आप जानेंगे के सबसे पुराना धर्म कौन सा है
ब्लॉग, इतिहास/History

Jung e Azadi mein Ulma e Kiram ka Kirdar

इस समय वतन अज़ीज़ हिंदुस्तान में 78वां यौम-ए-आज़ादी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन यह एक अफ़सोसनाक हक़ीक़त है कि आज के दिन लोग तहरीक-ए-आज़ादी में पसीना बहाने वालों को तो खूब याद करते हैं, लेकिन ख़ून बहाने वालों को भूल जाते हैं। यह एक मुस्लिम-उस्सबूत और नाक़ाबिल-ए-तर्दीद हक़ीक़त है कि हिंदुस्तान की आज़ादी उलेमा-ए-किराम के ही दम-ए-कदम से मुमकिन हुई है। आज हम आज़ादी की जिस खुशगवार फिज़ा में ज़िंदगी के लमहात गुज़ार रहे हैं, यह उलेमा-ए-हक़ के ही सरफरोशाना जज़्बात और मुजाहिदाना किरदार का नतीजा है। Jung e Azadi mein Ulma e Kiram ka Kirdar
ब्लॉग, इतिहास/History

Jang e Azadi aur Musalman स्वतंत्रता संग्राम और मुसलमान

Jang e Azadi aur Musalman स्वतंत्रता संग्राम और मुसलमान अपनी जान-माल की कुर्बानी देकर भारत को आज़ाद कराने वाले असली जांबाज़ कौन हैं?
ब्लॉग, इतिहास/History

अल्लाह के लिए रोने में खूबसूरती

अल्लाह के लिए रोने में खूबसूरती हमारे दीन में अकेले में रोने को विशेष बताया गया है, क्योंकि अकेले रहने पर दिल और भी कठोर हो जाता है।
ब्लॉग, Qur’an, सीरत ए औलिया

Huzur Gaus e Azam History in hindi

Huzur Gaus e Azam History आपका जन्म, आपकी पढ़ाई, आपके दौर के बादशाह, बादशाहों को हुक्म, आपके उस्तादों की लिस्ट, अपके मां बाप, आपकी किताबों की लिस्ट, आपकी करामत, आपका विसाल, बगरैह
ब्लॉग, सीरत, सीरत ए औलिया

Oslo Peace Agreement 1993, 18 months of secret negotiations, and massacre of Palestinians, Hamas Movement in hindi

फिलिस्तीनी संगठन जब अमेरिका में इजराइल के साथ आम बातचीत कर रहा था, उसी समय यासर अराफात और इजराइल के बीच ओस्लो में बेहद गुप्त बातचीत हो रही थी। ये बातचीत डेढ़ साल तक 10 राजधानी में 14 दौरों तक सख्त गुप्तता में चली। Oslo Peace Agreement 1993, 18 months of secret negotiations, and massacre of Palestinians, Hamas Movement in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Proclamation of an imaginary Palestinian state: Iraqi occupation of Kuwait: Hamas movement in hindi

Proclamation of an imaginary Palestinian state: Iraqi occupation of Kuwait: Hamas movement in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Jannat ki Technology: kya Jannat mein Internet Hoga

जन्नत की टेक्नोलॉजी: क्या जन्नत में इंटरनेट होगा? Jannat ki Technology: kya Jannat mein Internet Hoga
हमारे हुज़ूर ﷺ, ब्लॉग

Jabir ibn Hayyan: Great Scientist of Islamic Golden Age

जाबिर बिन हय्यान: इस्लामी सुनहरे दौर के एक महान वैज्ञानिक Jabir ibn Hayyan: Great Scientist of Islamic Golden Age
ब्लॉग, Biography/जीवनी, जाबिर बिन हय्यान जीवनी

कर्बला के झूठे किस्से

कर्बला के झूठे किस्से कर्बला की घटना को बयान करने में सबसे बड़ी कठिनाई यह थी कि हजरत सैयदना इमाम हुसैन रज़ि. के काफिले के बचे हुए लोगों में से किसी ने भी अपनी पूरी जिंदगी में इस घटना की पूरी जानकारी नहीं दी। अगर उन व्यक्तियों से कुछ आंशिक जानकारी मिली भी, तो वह ऐसी नहीं थी जो सबाई योजना को पूरा करने में सहायक साबित हो। इसलिए, इस त्रासदी को असाधारण रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए झूठ और अपमान पर आधारित ऐसे-ऐसे किस्से मशहूर किए गए कि अगर सबाई मानसिकता को ध्यान में रखते हुए सरसरी निगाह से भी उनका अध्ययन किया जाए, तो यह झूठ पूरी तरह उजागर हो जाता है।
ब्लॉग, इतिहास/History

नाकाम शहज़ादे और दीन की सौदागरी

जिस तरफ देखो शरीअत से खिलवाड़ का दौर-ए-दौरा है, जहाँ नज़र करो दीन के मुसल्मात से छेड़ छाड़ करने वाले नज़र आ रहे हैं और जिस तरफ़ तवज्जो करो उसी तरफ इज्मा-ए-उम्मत क्या इज्मा-ए-सहाबा तक को चैलेंज किया जा रहा है। नाकाम शहज़ादे और दीन की सौदागरी
ब्लॉग, Qur’an

क्या महिलाएं उत्तेजक कपड़े पहनकर यौन हिंसा और बलात्कार को आमंत्रित करती हैं?

इस में, हम जाँच करेंगे कि “सभ्य पश्चिम” इस विषय पर क्या कहता है। उनका सामान्य जनसमूह, कानून, अध्ययन, सर्वेक्षण, जूरी सदस्य और यहाँ तक कि बलात्कारी भी। क्या महिलाएं उत्तेजक कपड़े पहनकर यौन हिंसा और बलात्कार को आमंत्रित करती हैं?
ब्लॉग, Qur’an

यूरोप के बाद इस्लामिक देशों में इस्लामी रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?

अब तक फ्रांस और इटली जैसे यूरोपीय देशों से ही इस्लामी लिबास और शआर पर पाबंदी की खबरें सुनाई देती थीं, अब खुद को संस्कृति परस्त और लिबरल दिखाने के जुनून में मुस्लिम देश भी इस्लामी तालीमात पर पाबंदियां लगाने पर उतर आए हैं। यूरोप के बाद इस्लामिक देशों में इस्लामी रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?
ब्लॉग, Qur’an

1982 massacre and rape of Palestinians, release of 1145 prisoners in exchange for 3 ,1987 Intifada, Hamas movement in hindi

1982 massacre and rape of Palestinians, release of 1145 prisoners in exchange for 3 ,1987 Intifada, Hamas movement in hindi 1982 में फिलिस्तीनियों का नरसंहार और बलात्कार, 3 के बदले 1145 कैदियों की रिहाई, 1987 इंतिफादा, हमास आंदोलन हिंदी में
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Why did the Prophet marry multiple times in hindi

Why did the Prophet marry multiple times in hindi हुज़ूर ने कई शादियां क्यों कीं,
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Adam to Muhammad Family Tree in hindi

Adam to Muhammad Family Tree in hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

eid e ghadeer ki haqeeqat ईद ए गदीर क्या है

eid e ghadeer ki haqeeqat ईद ए गदीर क्या है
ब्लॉग, इतिहास/History

27 amazing verses of the Quran about the universe in hindi

27 amazing verses of the Quran about the universe in hindi
ब्लॉग, Qur’an

Holy Quran & Space Science in hindi

Holy Quran & Space Science about universe, sun, planets, Earth, moon, etc.
ब्लॉग, Qur’an

Qur’an is about the universe, earth and the sky, depths of the sea, Big Bang, victory of the Romans and lowest point on earth in Hindi

Qur’an is about the universe, the earth and the sky, the depths of the sea, the Big Bang, the victory of the Romans and the lowest point on earth in Hindi
ब्लॉग, Qur’an

palestine liberation organization, lebnon war, hamas movement in hindi

palestine liberation organization, lebnon war, hamas movement in hindi
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slavery in islam in hindi

slavery in islam in hindi
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burning Al-Aqsa Mosque by the Israelis and Al Fatah Tehreek, 1973 war between isreal and egypt in hindi

burning Al-Aqsa Mosque by the Israelis and Al Fatah Tehreek, 1973 war between isreal and egypt in hindi फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 21
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

6 day war, war of 1967 between israel and palestine in hindi

6 day war, war of 1967 between israel and palestine in hindi
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

Nakba of Palestine 1948, betrayal of Arabs, establishment of Israel in hindi

Nakba of Palestine 1948, betrayal of Arabs, establishment of Israel in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Partition of Palestine into two parts, massacre of Muslims and the betrayal of Arabs, WW2 in hindi

Partition of Palestine into two parts, massacre of Muslims and the betrayal of Arabs, WW2 in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Palestinian revolutions after the Arab betrayal to the Ottoman Empire in hindi

Palestinian revolutions after the Arab betrayal to the Ottoman Empire in hindi
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arab revolution, arab betrayal of Palestinians, British,WW1 and Ottoman Empire in hindi

फिलिस्तीन के साथ अरबों की मक्कारी, विश्व युद्ध 1 और ब्रिटिश शासन arab revolution, arab betrayal of Palestinians, British,WW1 and Ottoman Empire in hindi
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फिलिस्तीन में यहूदियों का घुसना Penetration of the Jews into the Palestine in hindi

फिलिस्तीन में यहूदियों का घुसना Penetration of the Jews into the Palestine in hindi
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Ottoman Empire and French Revolution in Palestine in hindi

Ottoman Empire and French Revolution in Palestine in hindi
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मंगोलों के हाथ 8 लाख मुसलमानों का कत्ल ए आम-अब्बासी खिलाफत का अंत

मंगोलों के हाथ 8 लाख मुसलमानों का कत्ल ए आम-अब्बासी खिलाफत का अंत फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 13)
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salahuddin ayyubi ka inteqal (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 12)

salahuddin ayyubi ka inteqal aur unke baad (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 12)
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Sultan Salahuddin Ayyubi History in hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 11)

Sultan Salahuddin Ayyubi History in hindi
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Salahuddin ayyubi masjid aqsa history in Hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 10)

Salahuddin ayyubi masjid aqsa history in Hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 10)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Sultan Salahuddin Ayyubi (फिलिस्तीन का इतिहास क़िस्त 9) in Hindi

Sultan Salahuddin Ayyubi (फिलिस्तीन का इतिहास क़िस्त 9) in Hindi
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Roze ke Scientific Fayede-scientific benefits of ramadan fasting in hindi

Roze ke Scientific Fayede-scientific benefits of ramadan fasting in hindi
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नूरुद्दीन ज़ंगी-फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 8)

नूरुद्दीन ज़ंगी-फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 8)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान नूरुद्दीन ज़ंगी

मस्जिदे अक्सा की तबाही और मुसलमानों की खूनरेज़ी (किस्त 7)

मस्जिदे अक्सा की तबाही और मुसलमानों की खूनरेज़ी
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

सलीबी जंगों का आगाज़

सलीबी जंगों का आगाज़ फिलिस्तीन का इतिहास (क़िस्त 6
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

गजवा ए हिन्द क्या है-gazwa e hind

गजवा ए हिन्द क्या है-gazwa e hind
ब्लॉग, इतिहास/History, हमारे हुज़ूर ﷺ

Tailbone in Islam hindi

Tailbone in Islam hindi
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फिलिस्तीन का इतिहास अब्बासी ख़िलाफ़त (किस्त 5)

फिलिस्तीन का इतिहास: अब्बासी ख़िलाफ़त (भाग 5)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

फिलिस्तीन उमर बिन ख़त्ताब के दौर में

फिलिस्तीन उमर बिन ख़त्ताब के दौर में फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 4
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

Romans control over Quds (Palestine)

तारीख़ ए फिलिस्तीन (क़िस्त 3) ईसा अलैहिस्सलाम तारीख़ ए फिलिस्तीन Romans control over Quds (Palestine)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

what is haikal e sulemani

यहाँ आकर हम यह कह सकते हैं कि फिलिस्तीन में बनी इस्राइल की पहली हुकूमत 995 ईसा पूर्व को क़ायम हुई थी, लेकिन गुज़िश्ता औराक से पता चलाता है कि बनी इस्राइल से बहुत पहले फिलिस्तीन पर कनानी और येबुसीयों ने अर्शे दराज़ से हुकूमत करते चले आ रहे थे, उनका ज़माना 2600 ईसा पूर्व का था, यह बहुत प्राचीन इतिहास है, इसमें और बनी इस्राइल की सल्तनत के क़ायम होने में 1600 साल का ज़माना है। What is Haikal e Sulemani तारीख़ ए फिलिस्तीन (किस्त 2)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 1

फिलिस्तीन का नाम कैसे पड़ा यहूदी किसकी औलाद हैं फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 1)
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

इमामे आज़म अबु हनीफा || imaam e azam abu hanifa history in hindi

अल-नुमान बिन साबित, जिन्हें आमतौर पर अबू हनीफ़ा के रूप में जाना जाता है, सुन्नी कानून की चार विद्यालयों में से एक के संस्थापक माने जाते हैं। वे अल-इमाम अल-अज़म (ग्रेट इमाम) और सिराज़ अल-आइम्मा (इमामों का दीपक) के रूप में व्यापक रूप से जाने जाते हैं।
ब्लॉग, इमाम ए आज़म अबु हनीफा

मस्जिदे अक्सा का इतिहास

मस्जिदे अक्सा का इतिहास मस्जिद अल-अक्सा फ़िलिस्तीन के दारुलहुकूमत बैतुलमकदस में स्थित है। बैतुलमकदस को अल-कुदस भी कहा जाता है, और अल-कुदस को पश्चिमी शब्दों में यरुशलम कहा जाता है। इबरानी में अल-कुदस को यरुशलम कहा जाता है। इसका एक नाम इलिया भी है। इस्लाम से पहले इसे एक रोमी बादशाह ने इलिया रखा था।
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

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सीरत ए सहाबा, ब्लॉग

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