0%
Loading ...

Loading

सलीबी जंगों का आगाज़

फिलिस्तीन का इतिहास (क़िस्त 6)

सलीबी जंगो का आगाज़

सलीबी जंगों का आगाज़

477 हिजरी के मुताबिक 1085ईसवी में एक कैथोलिक पोप ग्रेगोरी सातवां यूरोप में प्रकट हुआ, यह एक जर्मन नस्ल का था, यह सख़्त धार्मिक आदमी था, इसके अलावा वह गहरी और दुरूस्त नज़र व फिकर वाला था, उसने फ्रांस में कैथोलिक राहिबों को कैथोलिक धर्म को फैलाने के लिए मुतहर्रिक किया, उसने खास तौर पर फ्रांस का चयन किया क्योंकि यह उस समय ईसाई धर्म के संदर्भ में सबसे ज्यादा उत्साही देशों में से एक था, उसने अपनी कोशिशें नोरमांडी क़बीलों पर लगाई जो यूरोप के बड़े हिस्से पर काबिज़ थे।

यह कबीले वहशी और गैर मुहज्जब कबीले समझे जाते थे, इस पोप ने इसमें बड़ी सफलता हासिल की और इसका प्रभाव फैलने लगा, यहाँ तक कि यूरोप के शासक इससे डरने लगे। ग्रेगोरी सातवां ने यूरोप में अपनी सबसे बड़ी जगह इसलिए हासिल की क्योंकि उसके पास धार्मिक बादशाहत थी। लोग, शासकों से अधिक ग्रेगोरी सातवां की बात मानते थे।

इसका उदाहरण देखें, कि यूरोप के एक शासक ने पोप ग्रेगोरी के हुक्म की नामांकनी की तो पोप ने उसे जन्नत से महरूम करने और काफ़िर करार देने का हुक्म जारी किया। पोप के ऐलान के मुताबिक लोगों ने उस शासक के हुक्म की नाफरमानी काऐलान किया, यहांतक की वह अपने देश से रोम तक नंगे पांव चलने और पोप के हाथ को चूमने पर मजबूर हुआ, ताकि पोप उसे माफ़ करे।

इस तरह पोप के माफ़ करने और महरूम करने के ऐलान सार्वजनिक हो गए, इसे बाकाएदा “सुकूक अल-गुफ़्रान” कहा जाता था। पोप बाअसर हो गया, वह जिसको चाहता जन्नत में दाखिल करता जिसको चाहता महरूम करता और जहन्नुम में दाखिल करने का हुक्म देता, यूरोप के शासक उनसे डरने लगे।

पोप के शासन को विस्तार मिलता रहा, फिर बाजनतीनी शाहांशाह ने पोप से मदद मांगी कि बाजनतीना को सलज़ूकियों से वापस हासिल किया जाए जिस पर उन्होंने कब्जा किया था, जैसा कि हमने पहले जिक्र किया था, अगर्चे बाजनतीनी शाहांशाह आर्थोडॉक्स सम्प्रदाय का था, लेकिन उसने कैथोलिक पोप से मदद मांगी, पोप ने शाहांशाह की दावत को स्वीकार किया

वह यह सोच रहा था कि इससे एक ओर मुसलमानों का प्रसार रोका जाएगा और दूसरी ओर बाजनतीना के अपने प्रभाव को बढ़ाने का मौका मिलेगा, इस तरह सभी ईसाई एक राज्य के तहत आ जाएंगे, पोप ने शाहांशाह की पुकार पर लब्बैक कहा और उसने सामान्य लोगों और शासकों को तुर्क मुसलमानों के साथ जंग करने के लिए तैयार किया।

पोप अर्बान द्वितीय

पोप ग्रेगोरी सातवां किसी भी अभियान को आगे बढ़ाने से पहले ही मृत हो गया, उनके बाद उसके शिष्य सलीबी पोप अर्बान दुसरा ने अपना पद संभाला था, जिसका नाम बहुत प्रसिद्ध है, उसकी तस्वीरें आज भी यूरोप के गिरजा घरों में लटकी हुई हैं। अरबान द्वितीय, मुसलमानों के खिलाफ अभियान और बाजनतीनी के बचाव का आग्रह करता रहा।

तलीतह(तोलेडो) का ज़वाल (खात्मा)

साल 477 हिजरी के मुताबिक 1085 ईसवी में अलफ़ॉन्सो छठा ने तलीतह पर कब्ज़ा पा लिया था, इस शहर का अपवाद मुसलमानों के लिए एक सख़्त झटका था, इससे सलीबी जंगों के आरंभ का ऐलान हुआ, यूरोप में जोश और उत्तेजना फैल गई, क्योंकि यह मुसलमानों पर ईसाइयों की पहली बड़ी फ़तेह थी।

पोप का सलीबी जंगों का ऐलान

तोलेडो के अपवाद के साथ ही पोप अरबन द्वितीय ने कुदस यरुशलेम में मुकद्दस सरजमीनों की पुनर्प्राप्ति के लिए सलीबी जंग का ऐलान किया, उसने सलजूकियों के हमलों के सामने ब्याजेंटीन का समर्थन का ऐलान किया और मुसलमानों के बारे में अफवाहें फैलाना शुरू कीं कि वह यरुशलेम जाने वाले ईसाई तीर्थयात्रियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं

और यह कि मुसलमान ईसाई मुकद्दासात पर हमला कर रहे हैं और मसीह के मकबरों की बेअदबी कर रहे हैं, इससे ईसाई यूरोपियों के भावनायें भड़क उठी और फ्रांस व इटली की ओर से बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू करने का आग्रह किया गया।

हशाशीन का फिरक़ा

यूरोप में मुसलमानों के खिलाफ हालात दिन ब दिन बिगड़ रहे थे, जबकि मशरिकी अरब अभी तक कमज़ोरी और तक़सीम का शिकार था।483 हिजरी, 1090 ईसवी में हसन बिन सबाह नामक एक व्यक्ति नमूदार हुआ, यह निज़ारी इस्माईली समुदाय का बानी था, जिसका पहले जिक्र हो चुका है, इस ग्रुप को इतिहास में हशाशीन के नाम से जिक्र किया जाता है,

क्योंकि हसन बिन सबाह ने हशीश (चरस) के इस्तेमाल की इजाज़त दी थी, वह लोगों में फ़साद बर्पा करने वाला व्यक्ति था, इसलिए कि वह अपने विरोधियों को ख़त्म करने के लिए कत्ल और लूट का तरीक़ा ईख्तियार कर रहा था और जो उसके फ़िक्र और आक़ीदे का नहीं होता था उसके ख़ून को जायज समझता था, इसी वजह से निज़ार बिन अलमुस्तन्सिर की मौत के बाद फातिमीयों और निज़ारियों (हशशीयों) के दरमियान जंग छिड़ गई,

क्योंकि हसन बिन सबाह ने निज़ार के बेटे की खिलाफ़त का इलान किया जिसका नाम हसन बिन निज़ार था, जिसने फातिमी हुकुम मुस्तअला बिल्लाह को ग़ुस्सा दिलाया और उनके दरमियान जंग छिड़ गई।

ईसाईयों का सिसिली पर कब्ज़ा

इस वक़्त यूरोप में नारमन, सिसिली पर क़ब्ज़ा करने में कामयाब हो गए थे जो कि इस्लाम के ज़ैर-तसल्लुत था, यह यूरोपियों के लिए एक अज़ीम फ़तेह थी क्योंकि उन्होंने पहली मर्तबा महसूस किया था कि वह मुसलमानों पर हमला करने की सलाहियत रखते हैं, यह उनके लिए इस बात की दलील थी कि इस्लामी दौलत कमज़ोर हो चुकी है और उन पर हमला किया जा सकता है।

यहां तक की मग़रिब में मौजूद फातिमीयों ने उन हमलों का ख़तरा महसूस किया और उन्हें सलजूकियों से भी ख़तरा महसूस हुआ जो तुर्की और इराक में मशरिक को कंट्रोल करने वाले थे। यह वह मौका था जहां फातिमीयों ने अपनी सबसे बड़ी ग़लती का इर्तेक़ाब किया, उन्होंने सलजूकियों जो मुसलमान थे, के ख़िलाफ़ ईसाईयों से मदद तलब की।

इस्लाम दुश्मन तत्वों से राजनीतिक मस्लहतों के लिए मदद तलब करना सलीबी जंगो का कारण है जिसके नतीजे में फ़िलिस्तीन और मस्जिद अल-अक्सा का ज़वाल हुआ।

क्लीरमॉन्ट सलीबी सम्मेलन

488 हिजरी, 1095 ईसवी में फ्रांस के शहर क्लीरमॉन्ट में पोप अर्बन द्वितीय के नेतृत्व में ईसाईयों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें उन्होंने यरूशलम पर क़ब्ज़ा करने के लिए एक ईसाई सेना बनाने का ऐलान किया, और हर जगह से लोग इस सेना में शामिल होने के लिए जमा हुए, सलीबी युद्धों के लिए रज़ाकाराना तहरीक ज़्यादातर मुल्कों से यूरोप में नमूदार हुई।

क्रूसेडर(सलीबी) युद्धों के कारण

  • शाम की ओर इस क्रूसेडर युद्ध की सबसे अहम वजहें निम्नलिखित हैं:
  • (1) ईसाई धर्मिक उत्साह और यरूशलम में ईसाई पवित्र स्थलों को आज़ाद करने की दावती तहरीक।
  • (2) यूरोप में एक ग़रीब बेसहारा वर्ग मौजूद था, उनके नेताओं ने उन्हें युद्ध का रास्ता दिखाया कि इस तरह वे मुसलमानों के मालदार और कमज़ोर देशों में दाखिल होकर ज़िंदगी बिताएँगे।
  • (3) वो फीकरी और मज़हबी लगाव जो राहिबों ने लोगों में पैदा किया, ताकि वे ईसाई पवित्र स्थलों को कब्ज़ा करने वालों से लड़ने के लिए तैयार हों

पीटर हरमिट की सेना (पहली सलीबी जंग)

सलीबी जंगों का आगाज़

पोप ने आम लोगों की एक सेना की तैयारी का हुक्म दिया, जिसका सरबराही एक राहिब पीटर हरमिट और दूसरा पीटर मेंफुलस कर रहा था। पहला ईसाई अभियान का नेतृत्व पीटर हरमिट ने की, यह आम अभियान मशरिक की ओर चला, लेकिन इसकी सैन्य तौर पर तरबीयत नहीं दी गई थी,

यानी इसका एहतिमाम हुक्मरानों ने नहीं किया था, बल्कि इसका इंतज़ाम पोप और राहिबों ने किया था, यह एक आम और धार्मिक अभियान था, इसलिए इसने अपनी पंक्तियों में महिलाएं और बच्चे समेत आम लोगों को भी शामिल किया, इस तरह उनकी संख्या एक लाख पचास हज़ार तक पहुंच गई थी।

इस साल मशरिक की ओर सलीबी जंगो की पहली तहरीक देखने में आई, जिसमें पीटर हरमिट का अभियान बाजनतीन तक पहुंचा, जिस पर आर्थोडॉक्स बाजनतीनी शाहांशाह की सरकार थी। अभियान के मालिक कैथोलिक थे, इसलिए वह बाजनतीन को फ़तेह नहीं कर सके। लेकिन उन्होंने कुस्तन्तीनीया के आस-पास की ज़मीन में फ़साद फैलाया,

बाजनतीनी बादशाह ने उन्हें जान छुड़ाने का फ़ैसला किया, जिसके बाद उन्होंने उनके लिए तुर्की जाने की सुविधा प्रदान की, ऐसे ही उन्होंने बस्फ़ोरस को पार किया और उनके और सलज़ुकियों के बीच तेज़ लड़ाईयां हुईं, जिसमें तुर्क, ईसाईयों की शक्ति का सामना करने में नाकाम रहे, जिसे वास्तव में बाजनतीन ने भी सहारा दिया था, इस तरह ही कोनियाहाथसे निकल गया जो सलज़ुकियों का दारुलख़िलाफ़ा था, इस हार से सलज़ुक पाँच मुल्कों में बट गए।

अंताकिया की घेराबंदी

491 हिजरी, 1097 ईसवी में क्रूसेडर युद्धों (सलीबी जंगो) ने शाम के उत्तर में अंताकिया की ओर अपना रास्ता जारी रखा, एक लम्बे समय तक इसका घेराबंदी किया गया जिसके दौरान इस्लामी दुनिया में अंताकिया को बचाने के लिए कई दावती तहरीकें उठाईं गईं क्योंकि अंताकिया शाम का प्रवेश गेट था, जिससे शाम और यरूशलम की ओर ईसाई के प्रभाव और स्पर्श का फैलाव का डर था।

इसी दौरान फातिमियों ने फ़िलिस्तीन की ओर बढ़कर यरूशलम पर क़ब्ज़ा भी कर लिया और उसे सलज़ुकियों से छीन लिया, उन्होंने ईसाई क्रूसेडरों के ख़िलाफ़ सलज़ुकियों की लड़ाई में मसरूफियत का फ़ायदा उठाया। और फातिमियों ने बजाए इस के कि वे क्रूसेडर युद्धों का मुकाबला करते, उन्होंने इसके ख़िलाफ़ अलग रास्ता इख्तियार किया,

इस तरह उन्होंने ईसाईयों को कोनीया पर क़ब्ज़ा की मुबारकबाद दी और अंताकिया को फ़तह करने की तर्गीब दी, और इस सिलसिले में एक वफ्द(delegation)भी भेजा।

इस्लामी दारुलहुकूमतों में शाम और मुस्लिमों की ज़मीन के दिफ़ा और क्रूसेडर(सलीबी) हमलों का मुकाबला करने के लिए लोकस्तर पर तहरीक शुरू हुई, लेकिन इस्लामी ममालिक के हाकिम अपने मसाइल में घिरे हुए थे, इसलिए हलब और बग़दाद में पहली सेना की तैयारियाँ शुरू हो गईं, और जब इज्तिमाई सेनाओं की तैयारियाँ में देरी हुई,

तो हलब की एक छोटी सी सेना ने अंताकिया को मदद फ़राहम की और उसने अंताकिया के इर्द-गिर्द तैनात ईसाई फ़ोज पर हमला शुरू कर दिया, लेकिन यह छोटी सी सेना , ईसाईयों की एक लाख पचास हज़ार के फ़ोज के सामने कुछ भी नहीं कर सकी।

(रह)एडीसा का पतन

491 हिजरी,1098 ईसवी में गोडफ्रेड द बोयन अंताकिया पहुंचा, उनके नेतृत्व में और ईसाई सेनाएं इस क्षेत्र में पहुंचीं, और वहां तैनात हो गईं, उसने हमले में हिस्सा लिया, उसने थोड़ा सा हिस्सा अंताकिया के घेरे के लिए छोड़ दिया और फिर एडीसा की ओर रवाना हुआ।

एडीसा उत्तरी इराक में स्थित एक क्षेत्र था, जिसमें ईसाई आर्मेनियन बसे थे, उन्हें इस्लामी हुकूमत से बचाने के लिए क्रूसेडर सेना भेजी गई, तो गोडफ्री जल्दी ही उनके पास पहुंचकर शहर को फतह किया, जिससे मुसलमान छावनी को निकाला, इराक में एडीसा पहला शहर था जिसे उन्होंने फतह किया, उसके बाद उनका उद्देश्य मोसुल और बग़दाद पर कब्ज़ा करना था, लेकिन वह अपनी प्रस्तुति में असफल रहा, इसलिए उसने अपना रूख बदला, और गोडफ्री हम्स और हमा को नियंत्रित करते हुए मुल्क ए शाम की ओर चला और बालबक्क तक पहुंचा।

फातिमियों की धोखाधड़ी

जो कुछ हो रहा था फातिमियों ने इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा, हालांकि वे मुल्क शाम के हुक्मरान थे बल्कि उन्होंने ईसाईयों को उनकी फ़ुतुहात पर मुबारकबाद दी और फिर उनके साथ एक समझौता की स्थापना की, जिसमें इस क्षेत्र का बटवारा निम्नलिखित था

फातिमियों ने गोड़फ्री को प्रस्तावित किया कि वह मुल्क के उत्तर भाग को ले ले और दक्षिण को फातिमियों के लिए स्थायी रखे ताकि ख़ुदस फातिमियों के हाथ में रहे, ईसाईयों ने इससे सहमति की, लेकिन उन्होंने शर्त लगाई कि कु दस (यरूशलम) उनका होगा,

क्योंकि ईसाईयों का ध्यान केंद्र यही था, वे ख़ुदस को अपने पवित्र स्थानों के रूप में देखते थे जिसे ज़बरदस्ती छीन लेना चाहते थे। इस तरह यह समझौता बे-नतीजा रहा, क्योंकि फातिमियों ने ख़ुदस पर कब्जा जारी रखा था, और ईसाईयों का फातिमियों के साथ यह समझौता मुरझा कर समाप्त हो गया था।

अंताकिया का युद्ध

अंताकिया की घेराबंदी छे महीने तक जारी रही, इसके बाद 492 हिजरी 1098 ईसवी में किले के रक्षकों में से एक जो ईसाई था हमला आवर फ़ोज के साथ समझौता किया, उसमे अपनी टीम के साथ धोखा किया, और हमलावरों के सामने किले का दरवाज़ा खोल दिया, इस तरह किला गिराया गया और अंताकिया पर कब्ज़ा किया गया, यह यक़ीनी तौर पर उन फ़ोजियों की मौजूदगी का परिणाम था जो अपने मुल्क या क़ौम से वफादार नहीं थे।

ईसाईयों के अंताकिया में प्रवेश करने के बाद अब्बासियों की एक बड़ी फ़ौज की आमद की ख़बरें आईं, जिसकी नेतृत्व मजबूत तुर्क फ़ौजी कमांडर करबूगा कर रहे थे, यह फ़ौज केवल तीन दिनों बाद पहुंची लेकिन उसने किले की घेराबंदी कि और ईसाईयों पर क़ब्ज़ा कड़ा किया, उन्हें आने जाने से रोक दिया , उन्हें अंदर रहने पर मजबूर कर दिया, उनकी संख्या बहुत ज़्यादा थी , यह स्थिति उनके लिए इतनी दर्दनाक थी कि कहा जाता है कि उन्होंने कुत्तों का मांस भी खाया।

मसीह अलैहिस्सलाम का नेज़ा (खंजर)

ईसाई सेना के नेता ने अपनी सेना के हौसले को ऊँचा करने के लिए एक चाल का सहारा लिया, उसने दावा किया कि उसने ख्वाब में मसीह (अलैहिस्सलाम) को देखा है और उसने अंताकिया के एक गिरजा में मसीह के ख़ज़र की तरफ़ राहदारी की है, उसने लोगों में यह ख़बर फैलाई, जिस जगह का इशारा किया था लोगों वहां खोदा और एक ख़ज़र पाया, जैसा कि उसने बताया था,

इससे ईसाईयों का उत्साह बढ़ गया, क्योंकि वे समझते थे कि मसीह का ख़ज़र उठाने वाले को हार नहीं हो सकती, इसलिए उन्होंने लड़ने की तैयारी की और अब्बासी फ़ौज के कमांडर करबूगा से कहा कि वह उन से लड़ने की इजाज़त दे और घेराबंदी ख़त्म कर दे।

करबूगा उन से सीधे लड़ने पर राज़ी हुआ, लेकिन मुसलमानों की फ़ौज में एक गुरुप ने सेनाध्यक्ष की राय से इंकार किया, इस तरह अरबों और तुर्कों में इंकार पैदा हुआ, इस दौरान ईसाई लड़ने के लिए सामने हो गए और फिर धार्मिक उत्साह के साथ एक तेज़ और शक्तिशाली हमला शुरू कर दिया, अब्बासी फ़ौज पीछे हट गई और उस ताक़तवर फ़ौज के सामने बिखर गई।

भाग 1 भाग 2 भाग 3 भाग 4 भाग 5


Find More

ब्लॉग, इतिहास/History

Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Hindi

Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Urdu

Story of prisoners of Sednaya prison in Syria Urdu
ब्लॉग, इतिहास/History

History of Syria in Hindi

History of Syria in Hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

History of Syria in Urdu

History of Syria in Urdu
ब्लॉग, इतिहास/History

Kya Syria mein Sufyani ka nikalna Qareeb hai

Kya Syria mein Sufyani ka nikalna Qareeb hai
ब्लॉग, इतिहास/History

Importance of Syria in the light of Hadiths

Importance of Syria in the light of Hadiths
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 12 (beginning of revelation)

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 12 (beginning of revelation)
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Installing the Black Stone ( Prophet Muhammad History in Hindi Qist 11 )

Installing the Black Stone ( Prophet Muhammad History in Hindi )
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

huzur ka hazrat khadeeja se nikah (prophet muhammad history in hindi qist 10)

huzur ka hazrat khadeeja se nikah (prophet muhammad history in hindi qist 10)
ब्लॉग, Qur’an

women’s rights in islam in hindi

women's rights in islam
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

22 Things You Must Do With Your Wife

22 Things You Must Do With Your Wife!
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

wives of prophet muhammad and short biography

wives of prophet muhammad and short biography
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi qist 9 (jung e fijar)

prophet muhammad history
हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet muhammad history in hindi qist 8

Prophet Muhammad History in Hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi qist 7

prophet muhammad history in hindi qist 7
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 6

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 6
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 5

Prophet Muhammad History in Hindi Qist 5
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi qist 4

prophet muhammad history in hindi qist 4
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

prophet muhammad history in hindi

Prophet Muhammad
ब्लॉग, इतिहास/History

yahya sinwar ki wasiyat

Yahya Sinwar
ब्लॉग, सीरत ए औलिया

Hazrat Adam Alaihissalam Biography in Hindi

Hazrat Adam Hazrat Adam Alaihissalam Biography in Hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

zamzam water well digging history in hindi

zamzam water
ब्लॉग, Biography/जीवनी, सीरत ए सहाबा

Hazrat Abu Huzaifa History in hindi

Abu Huzaifa
ब्लॉग, Biography/जीवनी, इतिहास/History

hazrat huzaifa bin yaman history in hindi

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, इतिहास/History

Mansa Musa Full History in Hindi

Mansa Musa Full History in Hindi Mansa Musa Net Worth and Islam full History in Hindi
Biography/जीवनी, हमारे हुज़ूर ﷺ

Biography of the Prophet ﷺ in the mirror of Hijri Date (important events)

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Fateh-e-Baitul Muqaddas Sultan Salahuddin Ayyubi ke Aakhiri 6 Saal

Sultan Salahuddin Ayyubi
ब्लॉग, इतिहास/History

Hajre Aswad 22 Saal Ke Liye Kaha Gayab Ho Gaya Tha

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, Biography/जीवनी, हमारे हुज़ूर ﷺ

Age of Hazrat Ayesha Shadi ke Waqt Hazrat Ayesha ki umar kitni thi

Age of Hazrat Ayesha Shadi ke Waqt Hazrat Ayesha ki umar kitni thi in hindi
ब्लॉग, इतिहास/History

Jung e Azadi mein Ulma e Kiram ka Kirdar

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, Qur’an, सीरत ए औलिया

अल्लाह के लिए रोने में खूबसूरती

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, सीरत, सीरत ए औलिया

Huzur Gaus e Azam History in hindi

Gaus e Azam Huzur Gaus e Azam History in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Oslo Peace Agreement 1993, 18 months of secret negotiations, and massacre of Palestinians, Hamas Movement in hindi

Oslo Peace Agreement 1993, 18 months of secret negotiations, and massacre of Palestinians, Hamas Movement in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Proclamation of an imaginary Palestinian state: Iraqi occupation of Kuwait: Hamas movement in hindi

Proclamation of an imaginary Palestinian state: Iraqi occupation of Kuwait: Hamas movement in hindi
हमारे हुज़ूर ﷺ, ब्लॉग

Jannat ki Technology: kya Jannat mein Internet Hoga

Jannat ki Technology: kya Jannat mein Internet Hoga
ब्लॉग, Biography/जीवनी, जाबिर बिन हय्यान जीवनी

Jabir ibn Hayyan: Great Scientist of Islamic Golden Age

Jabir ibn Hayyan: Great Scientist of Islamic Golden Age
ब्लॉग, इतिहास/History

कर्बला के झूठे किस्से

कर्बला के झूठे किस्से
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

1982 massacre and rape of Palestinians, release of 1145 prisoners in exchange for 3 ,1987 Intifada, Hamas movement in hindi

1982 massacre and rape of Palestinians, release of 1145 prisoners in exchange for 3 ,1987 Intifada, Hamas movement in hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Why did the Prophet marry multiple times in hindi

Why did the Prophet marry multiple times in hindi
ब्लॉग, हमारे हुज़ूर ﷺ

Adam to Muhammad Family Tree in hindi

Adam to Muhammad Family Tree in hindi
ब्लॉग, Qur’an

Holy Quran & Space Science in hindi

Holy Quran & Space Science in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

palestine liberation organization, lebnon war, hamas movement in hindi

palestine liberation organization, lebnon war, hamas movement in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

burning Al-Aqsa Mosque by the Israelis and Al Fatah Tehreek, 1973 war between isreal and egypt in hindi

burning Al-Aqsa Mosque by the Israelis and Al Fatah Tehreek, 1973 war between isreal and egypt in hindi
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

6 day war, war of 1967 between israel and palestine in hindi

6 day war, war of 1967 between israel and palestine in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Nakba of Palestine 1948, betrayal of Arabs, establishment of Israel in hindi

Nakba of Palestine 1948, betrayal of Arabs, establishment of Israel in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Partition of Palestine into two parts, massacre of Muslims and the betrayal of Arabs, WW2 in hindi

Partition of Palestine into two parts, massacre of Muslims and the betrayal of Arabs, WW2 in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Palestinian revolutions after the Arab betrayal to the Ottoman Empire in hindi

Palestinian revolutions after the Arab betrayal to the Ottoman Empire in hindi
ब्लॉग, Ottoman Empire, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

arab revolution, arab betrayal of Palestinians, British,WW1 and Ottoman Empire in hindi

Arab Revolution, Arab betrayal of Palestinians, British, WW1 and Ottoman Empire in hindi
ब्लॉग, Ottoman Empire, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

फिलिस्तीन में यहूदियों का घुसना Penetration of the Jews into the Palestine in hindi

फिलिस्तीन में यहूदियों का घुसना Penetration of the Jews into the Palestine
ब्लॉग, Ottoman Empire, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

Ottoman Empire and French Revolution in Palestine in hindi

Ottoman Empire and French Revolution in Palestine in hindi
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

salahuddin ayyubi ka inteqal (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 12)

salahuddin ayyubi ka inteqal
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Sultan Salahuddin Ayyubi History in hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 11)

Sultan Salahuddin Ayyubi History in hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 11)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Salahuddin ayyubi masjid aqsa history in Hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 10)

Salahuddin ayyubi masjid aqsa history in Hindi (फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 10)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी

Sultan Salahuddin Ayyubi (फिलिस्तीन का इतिहास क़िस्त 9) in Hindi

Sultan Salahuddin Ayyubi (फिलिस्तीन का इतिहास क़िस्त 9) in Hindi
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, सुल्तान नूरुद्दीन ज़ंगी

नूरुद्दीन ज़ंगी-फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 8)

नूरुद्दीन ज़ंगी-फिलिस्तीन का इतिहास (किस्त 8)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

मस्जिदे अक्सा की तबाही और मुसलमानों की खूनरेज़ी (किस्त 7)

मस्जिदे अक्सा की तबाही और मुसलमानों की खूनरेज़ी
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

सलीबी जंगों का आगाज़

सलीबी जंगों का आगाज़
ब्लॉग, इतिहास/History, हमारे हुज़ूर ﷺ

गजवा ए हिन्द क्या है-gazwa e hind

गजवा ए हिन्द क्या है-gazwa e hind
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

फिलिस्तीन का इतिहास अब्बासी ख़िलाफ़त (किस्त 5)

फिलिस्तीन का इतिहास अब्बासी ख़िलाफ़त
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

फिलिस्तीन उमर बिन ख़त्ताब के दौर में

फिलिस्तीन उमर बिन ख़त्ताब के दौर में
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

Romans control over Quds (Palestine)

Romans control over Quds (Palestine)
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

what is haikal e sulemani

What is Haikal e Sulemani
ब्लॉग, तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा

फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 1

फिलिस्तीन का इतिहास किस्त 1
ब्लॉग, इमाम ए आज़म अबु हनीफा

इमामे आज़म अबु हनीफा || imaam e azam abu hanifa history in hindi

Imaame Aazam Abu Haneefa
तारीख़े फिलिस्तीन/मस्जिदे अक्सा, ब्लॉग

मस्जिदे अक्सा का इतिहास

मस्जिदे अक्सा का इतिहास

Leave a Comment

error: Content is protected !!