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Shadi Karna Chahte hain? To ye Zaroor Padhen
जो नौजवान शादी करना चाहते हैं पर समझ नहीं पाते किस प्रकार की लड़की से शादी की जाए? चुनाव किस आधार पर हो? तरीका क्या हो? खुद किस काबिल हैं? वगैरह।
Table of Contents
लड़का कैसा होना चाहिए?

- सबसे पहले तो आप अपना मुहासिबा (आत्ममंथन) करें। यह एक जिम्मेदारी भी है, जरूरी भी और आवश्यकता भी। अपने अंदर छुपी खूबियों को गिनें, कमियों को परखें और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
- यह देखना होगा कि आप एक घर चलाने की जिम्मेदारी उठाने के काबिल हैं? इंसाफ कर सकते हैं? धार्मिक मामलों में शरियत के कितने करीब हैं और आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
- याद रखें कि शादी के लिए लड़का या लड़की का किसी खास उम्र तक पहुंचना जरूरी नहीं है। हालांकि, शरियत में जो शर्त है वह यह कि लड़का और लड़की अकिल और बालिग हों और सबसे बेहतरीन मापदंड मज़हब को माना गया है। फिर काबिलियत में जिम्मेदारी का एहसास, इंसाफ, प्राथमिकताएं, जीवन का उद्देश्य और केंद्र अल्लाह की ज़ात को बनाना जरूरी है।
- काबिलियत की आखिरी चीज है आमदनी – यह शर्त नहीं है, पर आज के समय के हिसाब से बेहद जरूरी है ताकि निकाह के बाद दोनों पक्षों की जिंदगी में सुकून हो, न कि परेशानी। आमदनी कम से कम इतनी होनी चाहिए कि रोटी, कपड़ा, मकान और बुनियादी खर्चों की जिम्मेदारी पूरी की जा सके। इसके अलावा प्रोत्साहन है कि समान स्तर (कुफ़ू) में शादी की जाए, ताकि पति-पत्नी एक माहौल से निकलकर दूसरे माहौल में आसानी से ढल सकें।
लड़की कैसी होनी चाहिए?

अब देखें कि किन आधारों पर लड़की का चुनाव नहीं करना चाहिए।
- 1) वह बहुत खूबसूरत है।
- 2) स्मार्ट, दुबली-पतली है।
- 3) अमीर है।
- 4) मॉडर्न, करियर-ओरिएंटेड, मॉडल या टिकटॉक जैसी चीज़ों में व्यस्त है।
- 5) बेपर्दा, बदअखलाक और भौतिकवादी।
- 6) अनपढ़, लालची और स्वार्थी।
यह सभी बातें कभी-कभी पहले से ही मालूम होती हैं जब पसंद की शादी का मामला हो। लेकिन इन्हें पसंद की वजह नहीं बनाना चाहिए। हां, इनमें से कुछ बातें जैसे खूबसूरती आदि देखी जा सकती हैं। अरेंज मैरिज के लिए यह नंबर 5 और 6 को समझना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। घरवाले सवाल-जवाब कर सकते हैं और उनकी मौजूदगी में शरीअत की हद में रहते हुए आप भी लड़की के वली (संरक्षक) की इजाजत से बात कर सकते हैं।
किन आधारों पर चुनाव करना चाहिए?
- 1) सबसे पहले धर्म। सिर्फ इबादत में ही नहीं, बल्कि व्यवहार में भी जिसकी प्राथमिकताएं दुनियावी से ज्यादा आखिरी हों।
- 2) दूसरी बड़ी खूबी लड़की का चरित्रवान होना।
- 3) संस्कारी और हिजाब में रहने वाली।
- 4) अच्छे स्वभाव के साथ-साथ जो बच्चों की परवरिश को लेकर गंभीर हो।
- 5) बुनियादी धार्मिक और दुनियावी शिक्षा होनी चाहिए ताकि आगे बच्चों की परवरिश में अहम भूमिका निभा सके।
- 6) जिम्मेदारी उठाने में सक्षम, शुऊर वाली, शुक्रगुजार और कुशल हो।
इनमें से कई बातें पहली नजर में भी परखी जा सकती हैं। कुछ के लिए सवाल-जवाब की जरूरत होगी, जो घर की महिलाएं लड़की से करें।
एक सवाल पूछना हो तो ये पूछें
अगर किसी को सिर्फ एक सवाल करने का मौका मिले तो वह यह हो
“क्या आप शादी के बाद शरियत के बताए गए तरीके पर दिल से राजी होकर चलने और उससे मुंह न मोड़ने पर सहमत हैं?”
जो लड़की इस बात पर राजी हो, उसे चुन लें। जब तक वह इस पर कायम रहे, उसे रानी बनाकर रखें।
मौजूदा दौर में यह भी समझें
अगर सिर्फ आदर्श लोग आदर्श लोगों से ही शादी करेंगे तो बाकी लोगों का क्या होगा? उनके लिए सही परवरिश और दुआ की जरूरत है। खुद को उस काबिल बनाएं कि आप अपने पार्टनर की जन्नत का रास्ता आसान बना सकें।
शादी के लिए प्रक्रिया और सावधानियां

- 1. खुद को तैयार करें:
- – अगर आप शादी के बाद अलग घर का इंतजाम नहीं कर सकते, तो कम से कम ऐसा पारिवारिक ढांचा सुनिश्चित करें जिसमें पत्नी का किचन, बाथरूम और कमरा अलग हो।
- – अगर जोइंट फैमिली में रहना हो तो यह ध्यान रखें कि परिवार के नामहरम लोगों से पर्दे का प्रबंध हो।
- – अगर आप विदेश में रहते हैं या जाने का इरादा रखते हैं, तो शादी के बाद पत्नी को अकेला छोड़ने का विचार सही नहीं। पहले ऐसी स्थिति में आएं कि उसे साथ रख सकें।
- 2. पहले से तय कर लें कि आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं:
- – आपकी पत्नी का घर और बच्चों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है।
- – अगर आप खुद जिम्मेदार और काबिल नहीं हैं तो पहले अपने आप को सक्षम बनाएं।
- 3. शादी से पहले संवाद और सहमति
- – अगर कोई पसंद आ जाए, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि वह लड़की शादीशुदा तो नहीं है।
- – इस बात की जांच करना भी जरूरी है कि कहीं उसकी सगाई या शादी पहले से तय तो नहीं है।
- 4. खुद से बात करने के बाद परिवार से सलाह करें:
- – अपने माता-पिता को बताएं कि आपने किसी को पसंद किया है। उन्हें उस लड़की के घर वालों से संपर्क करने के लिए कहें।
- – लड़की के वली (संरक्षक) से मिलकर उनसे और उनकी बेटी के बारे में जानें।
- 5. लड़की के वली से मिलने के समय पूछे जाने वाले सवाल
- – “आप अपनी बेटी के लिए कैसा जीवनसाथी चाहते हैं?”
- – “क्या वह धार्मिक है और पर्दे की पाबंद है?”
- – “उसकी प्राथमिकताएं और जीवन के उद्देश्य क्या हैं?”
- – “क्या कोई ऐसी बात है जो मुझे शादी से पहले जाननी चाहिए?”
- – अगर आपमें कोई कमजोरी या कमी हो, तो ईमानदारी से बताएं।
- 6. लड़की से बातचीत (शरीअत की हद में)
- लड़की से कुछ जरूरी सवाल भी किए जा सकते हैं, जैसे:
- – “आप शादी के बाद अपने जीवन को किस प्रकार से देखती हैं?”
- – “क्या आप शरियत के अनुसार जीवन जीने के लिए तैयार हैं?”
- – “क्या आप अपनी प्राथमिकताओं में परिवार और बच्चों को पहले स्थान पर रखेंगी?”
- 7. अंतिम निर्णय:
- – शादी के लिए यह जरूरी है कि लड़का और लड़की एक-दूसरे को पसंद करें।
- – अगर किसी एक को भी दूसरा व्यक्ति न पसंद आए, तो यह रिश्ता न करें। दबाव में की गई शादी बाद में पछतावे का कारण बन सकती है।
- 8. एक नज़र का महत्व:
- – शरियत में यह अनुमति है कि शादी से पहले एक बार लड़की को देखा जाए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं।
निष्कर्ष
शादी सिर्फ एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि एक धार्मिक जिम्मेदारी है। इसलिए इसे ईमानदारी, सही सोच और अल्लाह की रजामंदी के साथ अंजाम दें। सही व्यक्ति का चयन आपकी जिंदगी को जन्नत बना सकता है।
