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Ramadan 2026

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रमज़ान या ईद कोई भी इस्लामी त्यौहार चांद की तारीख़ के हिसाब से मनाया जाता है तो चांद के हिसाब से अंग्रेज़ी तारीख़ में 1 या 2 दिन का आगे पीछे हो सकता है


रमज़ान की तैयारी क्यों और कैसे करें?

रमज़ान का मुबारक महीना जल्द ही हम पर साया करने वाला है। हमारे दिल में इस महीने की बहुत अहमियत है, लेकिन क्या हम इसकी तैयारी करते हैं? क्या हम अपने परिवार को भी इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि वे भी इस पाक महीने की तैयारी करें और लापरवाही से बचें?

पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) शाबान के महीने में अपने सहाबा (साथियों) को इकट्ठा करते और उन्हें रमज़ान की शुभ सूचना देते। आप इस महीने की फज़ीलत (महत्व) और उसकी तैयारियों के बारे में बताते। एक बार आपने फ़रमाया:

"ऐ लोगों! तुम पर एक बहुत ही महान और मुबारक महीना आने वाला है। इस महीने में एक रात ऐसी है जो हजार महीनों से बेहतर है। अल्लाह ने इस महीने के रोज़ों को अनिवार्य किया और इसके क़याम (रात की इबादत) को अपनी रज़ा का ज़रिया बनाया। जो व्यक्ति इस महीने में कोई छोटा सा नेक काम करेगा, उसे अन्य महीनों के फ़र्ज़ के बराबर सवाब मिलेगा। यह सब्र और हमदर्दी का महीना है। अल्लाह इस महीने में अपने बंदों के रिज़्क़ में इज़ाफ़ा करता है।"

इसके बाद आपने यह भी फ़रमाया कि जो कोई किसी रोज़ेदार को इफ्तार कराएगा, तो उसे भी उसी रोज़े के बराबर सवाब मिलेगा, बिना रोज़ेदार के सवाब में कोई कमी आए। सहाबा ने पूछा: "या रसूलुल्लाह! हममें से हर कोई रोज़ेदार को इफ्तार कराने की ताकत नहीं रखता, तो हम क्या करें?" इस पर आपने फरमाया:

"जो कोई रोज़ेदार को पानी, दूध या खजूर से इफ्तार कराए, उसे भी पूरा सवाब मिलेगा और जहन्नम से छुटकारा मिलेगा।" (मिश्कात)

रमज़ान की तैयारी के कुछ महत्वपूर्ण पहलू

यदि हम रमज़ान के स्वागत के लिए तैयार होना चाहते हैं, तो हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा:

📌 1. अल्लाह से दुआ और तौबा करें
अल्लाह की मर्जी के बिना कुछ भी संभव नहीं, इसलिए हमें अल्लाह से दुआ और माफी मांगनी चाहिए। तौबा करने से दिल साफ़ होता है और नेकियों की तरफ़ झुकाव बढ़ता है। अल्लाह का फरमान है:

"ऐ मोमिनो! तुम सब अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता मिले।" (अन-नूर: 31)

पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व) ने फ़रमाया:
"ऐ लोगों! अल्लाह से तौबा करो, मैं दिन में सौ बार तौबा करता हूँ।" (मुस्लिम)

📌 2. पिछले रमज़ान के क़ज़ा रोज़ों को पूरा करें
अगर पिछले रमज़ान के कुछ रोज़े छूट गए हैं, तो उन्हें शाबान के महीने में पूरा कर लेना चाहिए।

📌 3. रोज़े की आदत डालें
रमज़ान के रोज़ों की तैयारी के लिए हमें शाबान के महीने में बीच-बीच में रोज़े रखने चाहिए। पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व) शाबान में सबसे अधिक रोज़े रखते थे। (बुखारी, मुस्लिम)

📌 4. नेक नीयत करें
हमारे हर अमल का दारोमदार नीयत पर होता है। इसलिए हमें पहले से यह नीयत कर लेनी चाहिए कि रमज़ान में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत करेंगे, क़ुरआन की तिलावत करेंगे, गुनाहों से बचेंगे और अच्छे कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।

📌 5. कुरआन की तिलावत की तैयारी करें
रमज़ान कुरआन का महीना है, क्योंकि इसी महीने में कुरआन नाज़िल हुआ। हमें अभी से रोज़ाना कुरआन पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और नीयत करनी चाहिए कि रमज़ान में पूरे कुरआन का कम से कम एक बार तर्जुमा सहित पाठ करेंगे।

📌 6. घरवालों को रमज़ान की अहमियत बताएं
हमें चाहिए कि अपने घरवालों और बच्चों को रमज़ान की अहमियत और उसके अहकाम सिखाएं। अगर हमें खुद इल्म नहीं, तो उलेमा से सीखें और मस्जिदों में दिए जाने वाले बयानात से फायदा उठाएं।

रमज़ान के लिए दिनचर्या

📌 सुबह की इबादत (तहज्जुद और सहर)

  • तहज्जुद की नमाज़ पढ़ें, क्योंकि यह अल्लाह के सबसे प्रिय कार्यों में से एक है।
  • सहरी करें, क्योंकि पैगंबर (स.अ.व) ने फ़रमाया: "सहरी खाओ, क्योंकि इसमें बरकत है।" (बुखारी, मुस्लिम)

📌 फजर की नमाज़ के बाद

  • मस्जिद में रुककर तिलावत करें और अल्लाह का ज़िक्र करें।
  • सूरज निकलने के बाद दो रकात चाश्त की नमाज़ पढ़ें, जिसका सवाब एक हज और उमरह के बराबर है।

📌 दोपहर (ज़ुहर के बाद)

  • थोड़ी देर आराम करें (क़ैलूला करें), ताकि रात की इबादत में आसानी हो।

📌 शाम (इफ्तार के समय)

  • रोज़ेदारों को इफ्तार कराएं, इससे बहुत सवाब मिलता है।

📌 रात (ईशा और तरावीह)

  • तरावीह की नमाज़ पूरी पढ़ें।
  • सोने से पहले ईस्तिग़फार करें और अगले दिन की इबादत की नीयत करें।

निष्कर्ष

रमज़ान की सही तैयारी के बिना इस महीने के फ़ज़ाइल से पूरी तरह फायदा नहीं उठाया जा सकता। शाबान में ही इबादत, रोज़ा, तौबा, तिलावत और सदक़ा-खैरात की आदत डालकर हम इस महीने को अपने लिए और भी अधिक फायदेमंद बना सकते हैं। अल्लाह हमें इस रमज़ान को अच्छी तरह बिताने की तौफ़ीक़ दे, आमीन!

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