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Hazrat Ishaq Alaihissalam Story in Hindi
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आपकी पैदाइश
हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की उम्र सौ साल हुई तो अल्लाह तआला उनको बशारत सुनाई कि सारा अलैहिस्सलाम के पेट से भी तेरे एक बेटा होगा, उसका नाम इस्हाक रखना और कुरआन में है
पस हमने उसको इस्हाक़ की और उसके बाद (उसके और याकूब की बशारत दी। सारा कहने लगी, क्या मैं निगोड़ी बुढ़िया जनूंगी और जबकि यह इब्राहीम मेरा शौहर भी बूढ़ा है, वाक़ई यह तो बहुत अजीब बात है। फ़रिश्तों ने कहा, क्या तू अल्लाह के हुक्म पर ताज्जुब करती है? ऐ अहले बैत! तुम पर अल्लाह की बरकत व रहमत हो। बेशक अल्लाह तआला हर तरह हम्द के काबिल है और है बहुत बुजुर्ग। सूरह हूद 11:71-73
इब्राहीम ने कहा, क्या तुम मुझको इस बुढ़ापा आ जाने पर भी बशारत देते हो, यह कैसी बशारत दे रहे हो? फ़रिश्तों ने कहा, हम तुझको हक़ बात की बशारत दे रहे हैं, पस तू नाउम्मीद होने वालों में से न हो। इब्राहीम ने कहा और नहीं नाउम्मीद होते अपने परवरदिगार की रहमत से, मगर गुमराह। अल-हिज 15:51-56
आपकी ख़त्ना होना
हज़रत इस्हाक अलैहिस्सलाम जब आठ दिन के हुए तो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने उनकी खतना करा दी।
इस्हाक़ अलैहिस्सलाम की शादी
तौरात के एतबार से हज़रत इस्हाक अलैहिस्सलाम की शादी हज़रत इब्राहीम के भतीजे की बेटी से हुई और उससे उनके यहां दो बेटे ईसू और याकूब पैदा हुए। ईसू की शादी हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम की साहबज़ादी बश्शामा या महल्लात से हुई और हजरत याकूब अलैहिस्सलाम अपने मामू के यहां व्याहे गए।
इस्हाक़ अलैहिस्सलाम का जिक्र कुरआन में
कुरआन पाक में हजरत इस्हाक़ अलैहिस्सलाम का जिक्र सूरः अंबिया, सूरः मरयम, सूरः हूद और सूरः साफ़्फ़ात में आया है।
इंशा अल्लाह अगली पोस्ट में हम लूत अलैहिस्सलाम का तफ्सील में ज़िक्र करेंगे।
