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इस्लामी महत्वपूर्ण तारीखें

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हिजरी कैलेंडर की शुरुआत कैसे हुई?

हिजरी कैलेंडर (इस्लामिक कैलेंडर) की शुरुआत इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर बिन खत्ताब (रज़ि.) के शासनकाल में हुई। यह 622 ईस्वी में पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्ल.) और उनके साथियों की मक्का से मदीना हिजरत (प्रवास) से शुरू होता है। इसलिए इसे हिजरी कैलेंडर कहा जाता है।

हिजरी कैलेंडर कब और क्यों बना?

इस्लामी शासन बढ़ने के साथ, एक आधिकारिक कैलेंडर की जरूरत महसूस हुई। उस समय विभिन्न पत्राचार और आदेशों पर तारीखें लिखी जाती थीं, लेकिन उनमें एक निश्चित प्रारूप नहीं था। हजरत उमर (रज़ि.) ने इस समस्या का हल निकालने के लिए इस्लामी कैलेंडर शुरू करने का निर्णय लिया

इस्लामी कैलेंडर की विशेषताएँ
  • यह चंद्र (Lunar) कैलेंडर है, जो चंद्रमा के चक्र (Lunar Cycle) पर आधारित है।
  • इसमें 12 महीने होते हैं, लेकिन कुल 354 या 355 दिन होते हैं, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर (365-366 दिन) से लगभग 10-11 दिन कम होते हैं।
  • हिजरी महीनों में मुहर्रम, सफर, रबी-उल-अव्वल, रबी-उल-आखिर, जुमादाल ऊला, जुमादाल आखिरा, रजब, शाबान, रमजान, शावल, जुल-क़ादा, और जुल-हिज्जा शामिल हैं।
  • हिजरी वर्ष का पहला महीना मुहर्रम और अंतिम महीना जुल-हिज्जा होता है।
कहाँ इस्तेमाल होता है?
  • हिजरी कैलेंडर का मुख्य रूप से इस्लामी धार्मिक त्योहारों और इस्लामी देशों में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • रमज़ान, ईद-उल-फितर, ईद-उल-अज़हा, हज आदि की तिथियाँ हिजरी कैलेंडर के अनुसार तय होती हैं।
  • सऊदी अरब जैसे कुछ देशों में यह सरकारी कैलेंडर भी है, जबकि अन्य इस्लामी देश ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ इसका उपयोग करते हैं।

अंग्रेजी तारीख (ग्रेगोरियन कैलेंडर) की शुरुआत

आज जिस कैलेंडर का हम उपयोग करते हैं, उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहा जाता है। इसे 1582 ईस्वी में पोप ग्रेगरी XIII ने लागू किया था। इससे पहले, दुनिया के कई हिस्सों में जूलियन कैलेंडर प्रचलित था, जिसे रोम के शासक जूलियस सीज़र ने 45 ईसा पूर्व में अपनाया था।

ग्रेगोरियन कैलेंडर क्यों बना?

जूलियन कैलेंडर में एक वर्ष की लंबाई 365.25 दिन मानी गई थी, जबकि असली सौर वर्ष लगभग 365.242 दिन का होता है। इस छोटे से अंतर के कारण समय के साथ त्योहारों की तारीखें बदलने लगीं, खासकर ईस्टर पर्व, जो ईसाई समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। इस समस्या को ठीक करने के लिए नया कैलेंडर बनाया गया, जिसमें लीप वर्ष की गणना को अधिक सटीक बनाया गया।

कैसे अपनाया गया?
  • सबसे पहले इसे स्पेन, फ्रांस, इटली और पुर्तगाल जैसे कैथोलिक देशों ने अपनाया।
  • ब्रिटेन और अमेरिका ने इसे 1752 में लागू किया।
  • धीरे-धीरे, पूरी दुनिया ने इसे मानक कैलेंडर के रूप में स्वीकार कर लिया।
  • भारत में इसे ब्रिटिश शासन के दौरान आधिकारिक रूप से अपनाया गया।

आज, ग्रेगोरियन कैलेंडर दुनिया में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर बन चुका है।

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