Kya Syria mein Sufyani ka nikalna Qareeb hai
शाम (सीरिया) से संबंधित इस्लामी हदीसों में “सुफयानी” नामक एक चरित्र का उल्लेख विशेष रूप से किया गया है। सुफयानी का प्रकट होना क़यामत से पहले की महत्वपूर्ण निशानियों में से एक बताया गया है। इसे एक अत्याचारी और फितना फैलाने वाले व्यक्ति के रूप में वर्णित किया गया है।
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मुल्क ए शाम (Syria) अंबिया ए किराम का मरकज़ रहा है लेकिन इसके साथ साथ इस ज़मीन पर सियासत का बड़ा खेल खेला गया है
ये ज़मीन खूंरेजी से भरी हुई है बहुत जंगे हुई और खून खराबा हुआ जो हज़ारों सालों से आज तक जारी है
इस्लाम में इसके ताल्लुक़ से बहुत कुछ मिलता है हुज़ूर ﷺ की हदीसें हैं जो एक एक करके पूरी होती नज़र आ रही हैं
उन्हीं हदीसों में से एक हदीस है एक ज़ालिम शख़्स के आने की जो Syria में क़त्ल ए आम करेगा
शाम की धरती से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य और हदीसों का उल्लेख:
क्या सुफयानी का प्रकट होना निकट है?
1. सुफयानी का परिचय
सुफयानी को “बनू उमय्या” कबीले की शाखा “बनू सफियान” से जोड़ा गया है। हदीसों के अनुसार, वह शाम (Syria) के क्षेत्र से प्रकट होगा और अरब में अपना गलवा (कब्ज़ा) स्थापित करेगा। उसका मुख्य उद्देश्य अत्याचार और फसाद फैलाना होगा।
सुन्नी परंपराओं में सुफयानी
प्रकट होने का स्थान: सुफयानी का प्रकट होना शाम (दमिश्क या उसके आसपास) के क्षेत्र से होगा।
स्वभाव: सुफयानी अत्याचारी, निर्दयी और हिंसक शासक होगा। वह निर्दोष लोगों की हत्या करेगा, विशेष रूप से ईमानवालों और सच्चे मुसलमानों को।
समय: सुफयानी का प्रकट होना इमाम महदी (अ.स.) के प्रकट होने से पहले होगा। यानी असल सुफयानी हज़रत इमाम मेहदी से आने से कुछ समय पहले ही होगा इस से पहले भी बहुत से सुफयानी निकलेंगे लेकिन वो असल नहीं होंगे
अंत: सुफयानी का अंत इमाम महदी (अ.स.) और उनके समर्थकों द्वारा किया जाएगा।
हदीस: “सुफयानी की सेना को धरती निगल जाएगी।” (سنن الترمذی)
शिया परंपराओं में सुफयानी
प्रकट होने का स्थान: सुफयानी का प्रकट होना शाम (सीरिया) के क्षेत्र से बताया गया है।
स्वभाव: सुफयानी इमाम महदी (अ.स.) का सबसे बड़ा शत्रु होगा और उनके खिलाफ बड़ी सेना तैयार करेगा।
हत्याकांड: सुफयानी खासतौर पर अहले-बैत के अनुयायियों और इराक के लोगों पर अत्याचार करेगा।
अंत: सुफयानी को इमाम महदी (अ.स.) द्वारा पराजित किया जाएगा और उसे सज़ा दी जाएगी।
2. सुफ़ियानी की सेना और उसका विनाश
हदीसों के अनुसार, सफियानी की सेना जब मक्का की ओर बढ़ेगी, तो “बेदाः” नामक स्थान (मक्का और मदीना के बीच) पर धरती उन्हें निगल लेगी।
हदीस:”एक सेना काबा पर हमला करने के लिए निकलेगी, लेकिन जब वह बेदाः के स्थान पर पहुंचेगी, तो धरती उन्हें निगल लेगी।”(صحیح مسلم: 2883)
3. अत्याचार और फितना
हज़रत अली (र.अ.) का कथन: “सुफ़ियानी एक अत्याचारी शासक होगा, जो अहले-बैत और उनके अनुयायियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा और अनेकों हत्या करेगा।”(الفتن لابن حماد)
4. महदी (अ.स.) और सुफ़ियानी का टकराव
हदीसों के अनुसार, इमाम महदी (अ.स.) की सेना का सामना सुफ़ियानी की सेना से फिलिस्तीन में होगा। सुफ़ियानी की हार निश्चित है।
लड़ाई का स्थान: इमाम महदी (अ.स.) की सेना और सुफ़ियानी की सेना के बीच फिलिस्तीन के “लुद” नामक स्थान पर युद्ध होगा।
शाम में लाखों लोगों की हत्या और निर्दोषों का खून बहना उस बड़ी परीक्षा की ओर संकेत करता है, जिसका जिक्र हदीसों में हुआ है।
सुफ़ियानी का प्रकट होना क़यामत से पहले की बड़ी निशानी है। हालांकि उसकी अवधि अधिक लंबी नहीं होगी, और उसका अंत इमाम महदी (अ.स.) के हाथों होगा। यह हदीसें मुसलमानों को इन फितनों से सावधान रहने और ईमान पर डटे रहने की शिक्षा देती हैं।
क्या ऐसा समय भी आएगा जब मुसलमानों का अमीर दमिश्क की जामा मस्जिद के मिंबर पर ज़िना करेगा?
मुसलमानों के अमीर से संबंधित ऐसी कोई बात मुनक़ूल नहीं है। हां लेकिन क़ुर्ब-ए-क़यामत (क़यामत के क़रीब) में एक “सुफ़ियानी फ़ितना” आएगा। वह यह कि इमाम मेहदी के ज़ुहूर से पहले मुल्क-ए-अरब व शाम में यज़ीद बिन अबी सुफ़ियान की औलाद में से एक उमवी शख़्स पैदा होगा।
जिससे इस्लाम और मुसलमानों को सख़्त तकलीफ़ों का सामना करना पड़ेगा। यह सादात को क़त्ल करेगा। इसका हुक्म मुल्क-ए-शाम व मिस्र के अताराफ़ (इलाकों) में चलेगा। बहुत से आमाल-ए-कुफ़्र (कुफ़्र के कार्यों) का इर्तिकाब (अपराध) करेगा। इसके ज़माने में मुसलमानों का सामान्य तौर पर और उलमा व फ़ुज़ला का बिलख़ुसूस (विशेष रूप से) क़त्ल-ए-आम होगा।
लेकिन यह फ़ितना ज़्यादा देर तक नहीं रहेगा। क्योंकि हज़रत इमाम मेहदी का ज़ुहूर हो चुका होगा। इसके बारे में अलामात-ए-क़यामत पर लिखी गई किताबों में मनक़ूल (वर्णित) है कि वह ज़मीन में फ़ितना-फ़साद मचाएगा। और दिन के वक़्त खुल्लम-खुल्ला दमिश्क की मस्जिद के मेहराब में शराब की महफ़िल में औरत से जिमा (संबंध/ संभोग) करेगा। (अआज़ना अल्लाह मिन् ज़ालिक – अल्लाह हमें इस फितने से बचाए)।
तो एक मुसलमान खड़ा होगा और कहेगा: “तुम्हारी हलाकत हो, क्या तुम लोगों ने ईमान के बाद कुफ़्र इख़्तियार कर लिया है? यह बिल्कुल हलाल नहीं है।” तो सुफ़ियानी खड़ा होगा और मस्जिद में ही उसकी गर्दन उड़ा देगा। और जो भी उस शख़्स की मुवाफ़िक़त (समर्थन) करेगा, उसे भी क़त्ल कर देगा।